भूल पाती नहीं
श्रीमती अर्चना जैनदिल्ली(भारत)**************************** काव्य संग्रह-हम और तुम से… तुमसे मिलने की सदियों से मन में लगन,मैं धरा,तू गगन…कैसे होगा मिलन ? देख आकुल तुझे जब भी रोए नयन,लोग कहते हैं बरखा,हुए हैं मगन। इस कदर मेरे दिल में है घर कर गया,भूल पाती नहीं,कितने कर लूँ जतन। तू न जायेगा अब प्राण जायें भले,मिल के … Read more