महासंग्राम में रचनाकारों ने दी शानदार प्रस्तुति,किया सम्मानित

मधुपुर(झारखंड)। अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम-साहित्योदय द्वारा आयोजित साप्ताहिक परिचर्चा सह अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन 'साहित्योदय साहित्य संग्राम' का सातवां अंक शानदार रहा। इसका उदघाटन प्रसिद्ध ओज कवि बेबाक़ जौनपुरी ने किया।…

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सर्वदा पूज्य है ‘औरत’

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** कभी था औरत होने का अर्थ-दबी हुई रहना,मार खानागालियां सुनना,जिंदगी का जहरहँस कर के पीना।कभी था औरत होने का अर्थ-गधे की तरह काम करना,कभी नहीं आराम…

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अब के पाठ पढ़ाना है…

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष…… भारत और चीन के रिश्ते नहीं सुधरने वाले हैं,अबकी आर-पार कर देंगे हम सैनिक मतवाले हैं। नहीं समझ में…

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वीरों की धरती

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** वीरों की धरती है भारत ये दुनिया ने माना है,करते हैं इसको प्रणाम जिसने भी इसको जाना है। ये भारत की धरती है वीरों की खेती…

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रिमझिम पावस आया है…

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** धरती को हरियल करने बारिश की बूँदें लाया है,पावस का स्वागत करके हर जन का मन हर्षाया है। हरे हुए पल्लव सारे बूँदें मोती-सी चमक उठी,कलियों…

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चाँद

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** चाँद से चेहरे पे हैं गेसू की काली बदलियाँ,रुख़ से जो पर्दा उठे तो कौंधती हैं बिजलियाँ। देख कर के चन्द्रमुख ये चाँदनी शरमा गयी,दिल में…

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ईश्वर से प्रार्थना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* तेरे दर पर आया हूँ बन कर भिखारी, ले लो शरण मुझको अपनी मुरारी। तुमने ही भेजा है मुझको धरा पर, भूलूं कभी मैं…

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माँ-बेटे का नाता

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* इस दुनिया में माँ-बच्चों का सबसे सुंदर नाता है, ईश्वर का वरदान है ये माँ ही तो भाग्य विधाता है। माँ का प्यार है…

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कैसा निष्ठुर है मानव तू

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* प्रकृति है सृष्टि की जननी पीर दे रहा उसको, खेला-कूदा बड़ा हुआ है माँ माना है जिसको। आज अपनी धरती माता क्यों बिलख रही…

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अब तो हमारी सुध लो

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* संसार के रचयिता हम पर है नजर तेरी, करते हैं याद तुमको हर सांझ और सवेरी। अब तो हमारी सुध लो ओ बंसी के…

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