महासंग्राम में रचनाकारों ने दी शानदार प्रस्तुति,किया सम्मानित

मधुपुर(झारखंड)। अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम-साहित्योदय द्वारा आयोजित साप्ताहिक परिचर्चा सह अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन ‘साहित्योदय साहित्य संग्राम’ का सातवां अंक शानदार रहा। इसका उदघाटन प्रसिद्ध ओज कवि बेबाक़ जौनपुरी ने किया। उन्होंने कई शानदार गीत और दोहे सुनाए।साहित्योदय संस्थापक प्रमुख पंकज ‘प्रियम’ ने बताया कि,साहित्योदय ने इस ‘कोरोना’ काल को साहित्य सृजनकाल में बदल दिया है। … Read more

सर्वदा पूज्य है ‘औरत’

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** कभी था औरत होने का अर्थ-दबी हुई रहना,मार खानागालियां सुनना,जिंदगी का जहरहँस कर के पीना।कभी था औरत होने का अर्थ-गधे की तरह काम करना,कभी नहीं आराम करनादर्जन भर बच्चे पैदा करना,खुद भूख सह करउन सबका पेट भरना,पति के नाज उठानाशराबी पति के जूते खाना,किसी कोने में बैठ करआँसू बहाना।कभी था औरत … Read more

अब के पाठ पढ़ाना है…

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष…… भारत और चीन के रिश्ते नहीं सुधरने वाले हैं,अबकी आर-पार कर देंगे हम सैनिक मतवाले हैं। नहीं समझ में आता इसको अब ढंग से समझाना है,कब तक चीनी विष घोलेंगे अब के पाठ पढ़ाना है। दुनिया ने समझाया इसको इसे समझ नहीं आना है,राज … Read more

वीरों की धरती

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** वीरों की धरती है भारत ये दुनिया ने माना है,करते हैं इसको प्रणाम जिसने भी इसको जाना है। ये भारत की धरती है वीरों की खेती होती है,पैदा होता वीर यहां पर वो ही असली मोती है। नाम अनगिनत हैं वीरों के किसके नाम गिनाऊँ मैं,ये मेरी भारत माता जननी वीर … Read more

रिमझिम पावस आया है…

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** धरती को हरियल करने बारिश की बूँदें लाया है,पावस का स्वागत करके हर जन का मन हर्षाया है। हरे हुए पल्लव सारे बूँदें मोती-सी चमक उठी,कलियों ने घूँघट खोले‌ फूलों की क्यारी महक उठी।लगता है आषाढ़ मास में जैसे सावन आया है,प्यास बुझाने इस धरती की रिमझिम पावस आया है। पावस … Read more

चाँद

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** चाँद से चेहरे पे हैं गेसू की काली बदलियाँ,रुख़ से जो पर्दा उठे तो कौंधती हैं बिजलियाँ। देख कर के चन्द्रमुख ये चाँदनी शरमा गयी,दिल में मेरे जाने क्यों बढ़ने लगी बेताबियाँ। ऐ सुधाकर तू भी मेरे चाँद से बढ़कर नहीं,देख मेरे चाँद को होती सदा सरगोशियाँ। मेरे दिल का चाँद … Read more

ईश्वर से प्रार्थना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* तेरे दर पर आया हूँ बन कर भिखारी, ले लो शरण मुझको अपनी मुरारी। तुमने ही भेजा है मुझको धरा पर, भूलूं कभी मैं न कृपा ये तुम्हारी। तेरे दर पर आया… दर्शन का प्यासा मैं जाऊं कहां पर, आया हूँ दर तेरे सर को झुका कर। विनती तू … Read more

माँ-बेटे का नाता

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* इस दुनिया में माँ-बच्चों का सबसे सुंदर नाता है, ईश्वर का वरदान है ये माँ ही तो भाग्य विधाता है। माँ का प्यार है अमृत जैसा भाग्यवान ही पाता है, लिखा नहीं तकदीर में जिसके,जीते-जी मर जाता है। खुद के दुःख का भान नहीं बेटे को कष्ट न हो … Read more

कैसा निष्ठुर है मानव तू

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* प्रकृति है सृष्टि की जननी पीर दे रहा उसको, खेला-कूदा बड़ा हुआ है माँ माना है जिसको। आज अपनी धरती माता क्यों बिलख रही बेचारी, बेटा होकर कष्ट दे रहा कैसी बात विचारी। प्रकृति की अनमोल धरोहर क्यों उजाड़ करता है, मिली संपदा जो धरती से अपना घर भरता … Read more

अब तो हमारी सुध लो

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* संसार के रचयिता हम पर है नजर तेरी, करते हैं याद तुमको हर सांझ और सवेरी। अब तो हमारी सुध लो ओ बंसी के बजैया, मझधार में है अटकी कबसे हमारी नैया। संसार को तुम्हीं ने मेहनत से है बनाया, उसको ही नष्ट करने ये चक्र क्यों चलाया। क्या … Read more