करुणा जीवन सार
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************** दया,नेह,संवेदना,करुणा जीवन-सार।उर महके अपनत्व से,तो फैले उजियारll बुद्ध बने तब बुद्ध जब,जागा करुणा-भाव।मानव तब मानव बने,कोमल रहे स्वभावll सत्य,अहिंसा,वेदना,से नित नव-संसार।करुणा से श्रंगार हो,तो मंगल आसारll गांधी,ईसा के हृदय,करुणा का संसार।महावीर करते रहे,करुणा से नित प्यारll टेरेसा तब माँ बनीं,जब करुणा-आवेग।मानवता को दे गईं,वे तो नेहिल नेगll अश्रु नयन से … Read more