भरोसा तोड़ा उसने…

सूरज कुमार साहू ‘नील` भोपाल (मध्यप्रदेश) ***************************************************************** उसका गम मैंने सह लिया कल था, वो गैर का दौर नफ़रत का पल था। भरोसा तोड़ा उसने उस बखत मेरा, दिल जब उसके आँचल के तल था। जानते बात न थे उसके मन की हम, बात फैली तो दूर जाना ही हल था। शरीफ तो जितना था … Read more

विधि का विधान

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** हमने चिता को जलते देखा है… चाहे राजा हो या फकीर, सबको एक दिन जाना है… कह गए संत कबीर। जितना हो शक्ति भला… उतना कर लो दान, जब अन्त समय आएगा… ना रहेगा घट में प्राण। पाव-पाव पग न गिनो… गिनों हजारों तीर, एकसाथ जब सब लगें… कह गए संत … Read more

परीक्षा:उम्मीदवार की या जनता की

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जनतन्त्र जनतामय होता है। जनता के बीच से जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि जननायक,जननेता,जनसेवक या ऐसे ही बहुतेरे विशेषणों से सुशोभित होता है। ग्राम पंचायत से संसद तक निर्वाचन की प्रक्रिया ही आधारभूत है। संविधान द्वारा निर्धारित मौलिक अर्हताओं को पूरा करके किसी भी एक पद के लिए दर्जनों उम्मीदवार … Read more

देश से बढ़कर कुछ नहीं

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** राजनीति प्रतिकूलता,देशविमुख फरमान। चाहे जितना यतन कर,सफल न हो अरमान॥ देश से बढ़ कर कुछ नहीं,समझो रे गद्दार। छोड़ो दंगा गुंडई,बनो वतन खु़द्दार॥ लोकतंत्र मतलब नहीं,तोड़ोगे तुम देश। गाओगे नापाक को,नहीं बचोगे शेष॥ कोसो तुम सरकार को,ये तेरा अधिकार। पर तोड़ो मत देश को,वरना हो धिक्कार॥ आज़ादी अभिव्यक्ति … Read more

नव वर्ष

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* नया वर्ष है नया दिवस है, नया गगन है,नई धरा है। नया चंद्र है,नई चंद्रिका, नवीन नक्षत्र,नव निशा है॥ नवीन गायन नवीन लय है, नई नवेली कवि प्रिया है। नया सृजन है नवीन प्रतिभा, नवीन शैली,नई विधा है॥ नवीन आलोकमय है कण, नए वर्ष का जगत नया है। नवीन पुष्पों … Read more

जाग भी जाओ

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** हे मानुस! तू सभी जीव में ज्ञानी है-विज्ञानी है, जैव-जगत में नहीं दूसरा कोई तेरा सानी है। सकल जगत की इच्छाओं का तू राजा है,रानी है, सच्चाई से दूर भागना बस तेरी नादानी हैll मैं मुर्गा बन गला फाड़कर तुझे जगाने आता हूँ, सूरज की किरणों में शामिल होकर धूप … Read more

रहे चतुर्दिक् चौकसी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** करते सब दकियानुसी,छिपा मनसि है चोर। छल कपटी नेता प्रजा,दे फ़साद झकझोर॥ जले शान्ति धन सम्पदा,उजड़े वतन सुजान। देशद्रोह ज्वालामुखी,महाज्वाल शैतान॥ लोभी लुच्चा देश में,फैलाता अफवाह। खाने के लाले पड़े,बन फ़साद गुमराह॥ निर्भय वे कानून से,मरने को तैयार। फँस सिक्कों के जाल में,नाबालिग मँझधार॥ खाक राष्ट्र की अस्मिता,प्रगति … Read more

अच्छे काम करके दिखाएं

रंजन कुमार प्रसाद रोहतास(बिहार) *************************************************************** मानव का यह हर्ष देखकर, लोगों की उमंग देखकर मन में सदभावना लिए, अच्छे काम करके दिखाएं आओ,अंग्रेजी नव वर्ष मनाएं। सबको सुख-शांति मिले, ऊर्जावान शक्ति मिले मिले सबको सुधा,अम्बर, ईश सबको समृद्धि बनाए, आओ,अंग्रेजी नव वर्ष मनाएं। रिद्धि-सिद्धि से घर भरे, फले-फूले आगे बढ़ें सफल साधना मन में लिए, … Read more

नव वर्ष नए रुप में

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** नव वर्ष में,नव रुप में, नव नवल में,नव कमल में नव रंग में,नव तरंग में, नव उदय में,नव राग मेंl नव गीत में,नव प्रीत में, नव उमंग में,नव उज्जवल में नव नभ में,नव सूर्य में, नव रीति में,नव नीति मेंl नव जीत में,नव प्रवाह में, नव दिशा में,नव दर्पण में नव … Read more

कैसा नव वर्ष!

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** बदलूँगा मैं सुबह कैलेण्डर, हाँ,तुम भी तो बदलोगे झूमूँ-नाचूँ-गाऊँगा मैं, हाँ,तुम भी तो खुश होगे सिर्फ कैलेण्डर बदल रहे, तो,इसमें कैसा हर्ष हुआ। बदले ना गर जीवन शैली, फिर कैसा नव वर्ष हुआ॥ ठिठुरन भरी हवाओं में,गर, खुले व्योम तल,एक भी सोया देख बुभुक्षित उदरों को भी, नयन अगर … Read more