अब बस

अरुण कुमार पासवान ग्रेटर नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* कितनी जिज्ञासु हैं आँखें! देखना चाहती हैं कितना कुछ बहुत कुछ,सब कुछ; इसलिए चहेती हैं, मन की,दिल की,पूरे जिस्म की। ये देती हैं भूख,पूरे…

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शक्ति में भक्ति

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** आज मिली है शक्ति बन्दे कर ले माँ की भक्ति, किसने देखा कल क्या होगा सबने समय से बदली, आज मिली है शक्ति बन्दे कर ले…

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झिझक

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** झिझक मेरी,झिझक उसकी, सिले लब,ना हुई बातें, तसव्वुर में,फिर इक-दूजे से, बतियाते कटी रातेंl किया वादा ये खुद से खुद ही, कि मैं अब…

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बनकर जीयो राष्ट्र का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मन पावन सत्काम से,मनभावन हितकाम। त्याग न्याय सत्पारखी,हरि राम सुखधाम॥ रिश्ते-नाते स्वार्थ के,भौतिक मायाजाल। परहित मुख मुस्कान दो,अलबेला है काल॥ बनकर जीओ राष्ट्र…

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बनाओ सबको अपना मीत

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* जीवन है सबका संगीत, बनाओ सबको अपना मीत। बचपन कितना सुंदर होता, कल्मष कभी न मन में बोता। हर क्रीड़ा लगती है मानो, बन रहा…

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गुरु घण्टाल

अरुण कुमार पासवान ग्रेटर नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* भूख कभी ईमान नहीं खाती; ईमान तो इच्छा का शिकार होती है। भूख को तो सिर्फ रोटी चाहिए, रोटी,एक पवित्र आहार जैसे-प्यास के लिए…

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गांधी जी की नज़र में हिन्दी

प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी दिल्ली *************************************************************************** युगपुरुष,युगनिर्माता और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत के स्वंतत्रता आंदोलन के महानायक थे। महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान न केवल उस युग की…

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जीवनभर पछताओगे

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** जंग तुमने छेड़ी है जीत नहीं पाओगे, अब भी सुधर जा कायर... वरना जीवनभर पछताओगे। नंगे पांव आए हो गले में फंदा डालेंगे, फूल तो बस…

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घूंघट…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ चाँद छुप गया है देखो, बादलों की ओट भोर भई गौरी, अब तो घूंघट के पट खोल, यूँ ही न बीत जाए ख़ूबसूरत…

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समरसता जीतो जगत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मोदी आगे बढ़ गये,दुनिया का मन जीत। प्रगति चाह जन राष्ट्र का,समरसता नव प्रीतll राष्ट्र प्रथम इस भाव से,जब रंजित हो चित्त। देशप्रेम…

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