श्राद्ध
सुबोध कुमार शर्मा शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* श्राद्ध पक्ष में श्रद्धा भाव अनायास आ जाता है, या अंतर में व्याप्त भय पीड़ा को दर्शाता है। यदि ऐसा नहीं तो जीवित निर्बल बुजुर्गों…
सुबोध कुमार शर्मा शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* श्राद्ध पक्ष में श्रद्धा भाव अनायास आ जाता है, या अंतर में व्याप्त भय पीड़ा को दर्शाता है। यदि ऐसा नहीं तो जीवित निर्बल बुजुर्गों…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** कौशलेय प्रिय जानकी,रघुनन्दन सुखधाम। करें लोक कल्याण नित,शरणागत श्रीराम॥ कमलनयन मन दाशरथि,सीतायन आलोक। जगत रोग छल पाप प्रभु,करो मुक्त हर शोक॥ सकल विश्व…
सुबोध कुमार शर्मा शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* मुद्दत के बाद उनसे मुलाकात हो गईl जैसे सेहरा में फिर बरसात हो गई। यकीं दिलाया था उनको हमने बहुत, न जाने क्यों बात सब…
दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** गणपति आखिर विदा हो गए, बरखा तुम कब जाओगी ? अब तो हद-पार अति हो गई, कब तक हमें सताओगी। मानसून में…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** सबसे आगे दौड़ में,हो नित धावक श्रान्त। शुरु मन्द धावन पथी,नित विजयी बन कान्तll हार-जीत संघर्ष नित,यात्रा जीवन राह। डटे रहे जो विघ्न…
प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी दिल्ली *************************************************************************** राष्ट्रभाषा को समझने से पहले राष्ट्र और राष्ट्रीयता शब्दों को समझना असमीचीन न होगा और राष्ट्र को समझने के लिए देश और जाति की…
अरुण कुमार पासवान ग्रेटर नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* मनुष्य की स्वाभाविक आदत है रोना, हँसने,गुस्साने,प्यार करने की ही तरह। इसीलिए,रोने का प्रयोजन हमेशा दु:ख-दर्द ही नहीं होता...। अतृप्ति कभी-कभी सकारात्मक भी होती…
अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** (रचना शिल्प:१२२ १२२२ १२२२ १२२२) हमारी शान है हिंदी,हमारी जान है हिंदी। हमारे देश की यारों,सदा पहचान है हिंदी। जिसे दिनकर,रहीमा,सूर,ने सिर पर सदा…
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** आकांक्षा है चाँद पर जाने की मिट्टी,हवा,पानी पता लगाने की, चार सौ सपूत लगे हैं इसमें 'चन्द्रयान-२' मिशन पहुँचाने की। धन्य है 'इसरो' का विज्ञान करता…
अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** हिंदी ने सब कुछ सिखलाया,हिंदी का गुणगान करें, जिसने जना चंद जगनिक कवि,उसका हम सम्मान करें। खुसरो की 'कह मुकरी' जिसकी गोदी में मुस्काती हो-…