कर्म और भाग्य

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. सारी सुख-संपत्ति के साधन धरती सतत श्रम करो भुज-बल से, भाग्य के सहारे न जी तू मानव- भोगता रह…

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`कोरोना` को भगाएंगे

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** भीड़-भाड़ में न जाएंगे, हाथ किसी से न मिलाएंगे। सबको यह बताएंगे, `कोरोना` वायरस को दूर भगाएंगे। `कोरोना` लक्षण दिखे तो, तुरंत जांच कराएंगे।…

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सबका सहारा बनूँगा

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** आसमां का सितारा बनूँगा, डूबते का किनारा बनूँगा। मानव जीवन मिला है मुझे, दुखियों का सहारा बनूँगाll मानव पर उपकार करूँगा, भटके को राह…

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पढ़ाई-लिखाई में लगाओ ध्यान

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** पर्चे की घड़ी, परीक्षा में रो पड़ी। प्रश्न आए थे बड़े कठिन, नहीं बना पाए सही उत्तर जतिन। भारी लिया मजा, परीक्षा में हुई…

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आतंकवाद-क्यों इंसानों को लड़ा रहे हो

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** ऐ आतंक मेरी बात सुनो, कैसे कोहराम मचा रहे हो! तू भी तो एक इंसान है, इंसान हो के इंसानों को लड़ा रहे हो।…

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शीशे का खिलौना

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** देख मेरी आँखों में तुझे ख्वाब दिखाऊँ, मेरा दिल का हाल तुझे क्या बताऊँ। डूबा हूँ तेरी इश्क के समंदर में, करीब आओ थोड़ा…

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कर्म सतत करती है बेटी

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* कितनी मन्नतें माँगते माता-पिता, जा -जाकर हर मंदिर के द्वार में। करते हैं संतान की कामना हरदम, खुशियाँ कब आएं झोली में। ढ़ोल-नगाड़े बजते…

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 बसंत ऋतु आई

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* फूलों की बहार आयी, खुशियों की सौगात लायी। सुंदर-सुंदर हरियाली देखो ? कैसे सरसों की फसल लहलहाई। आम का बौर छाया, प्रकृति सबके मन…

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जीत

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* बहती धारा के साथ, किनारे का छोड़ हाथ। रखो यकीं खुद पर, दम तो दिखाओगे। बिना लक्ष्य के मंजिल, कैसे होगी ये हासिल। बीच…

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बदल रहा इंसान

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* हर समय बदल रहा इंसान, नकारात्मक हो गए सब इंसान। समयचक्र में पिस जाता इंसान, दोष भाग्य को दे जाता इंसान। समय के आगे…

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