मोहब्बत

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** वो कहते हैं- मोहब्बत ज़िन्दगी है, मोहब्बत बंदगी है मोहब्बत फूलों की सेज है, मोहब्बत अरमानों,ख्वाबों की परवाज़ है। मोहब्बत दीवानगी की पाठशाला है, मोहब्बत दो दिलों की प्रेमशाला है और भी न जाने क्या-क्या ? हकीकत तो यह है- मैंने मोहब्बत को, रात के अंधेरों में जार-जार सिसकते, रोते, … Read more

सुहाना पागलपन

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** वह निहारती है तो मैं नजरें झुका लेता हूँ, वह हया के परदे में सिमट जाती है जब मैं उसे एकटक देखता हूँ, शबनम-सी लरजती अंतर्मन से प्रस्फुटित होती, भावनाओं का कोमल स्पर्श मदहोश करती अभिलाषा, आँखों से नूर बनकर टप-टप टपकती है, पर खामोश। थरथराते हैं होंठ करने लगता … Read more

पलटना भी जरूरी है

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** सियासत के तरीकों का,बदलना भी जरूरी है, अंधेरी रात का आलम,सुबह होना जरूरी हैl बहारों को पता दे दो,खिलाये फूल खुशियों के, चमन का बेरहम माली,पलटना भी जरूरी हैl अमन बेचैन दिखता है,घृणा की वादियां छाई, दिलों के फासले अब तो,दरकना भी जरूरी हैl तमाशा देख चुप होना,सियासत राजदारों की, … Read more

इंतजार-मीठा अहसास

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** इंतजार के एक-एक पल कितने मीठे होते हैं, जिनमें तुम होती हो और होती है तुम्हारी मीठी यादें, तुम्हारे दिल से निकले बेबाक शब्द जो फूटते हैं तुम्हारे होंठों से, किसी मीठे झरने की उन बूंदों की तरह, जो दौड़ पड़ती है, अपने प्रियतम सागर से मिलने के लिए, अपना … Read more