आजादी के मतवाले

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************* सर पर कफ़न बांधकर,निकले थे आजादी के मतवाले।माँ भारती को बेड़ियों से,मुक्त कराने निकले थे जिगरवाले॥ क्या महिला क्या पुरुष सभी ने,आजादी पाने की कीमत थी चुकाई।माँओं ने अपने लाल की,सुहागन ने पति की दी थी कुर्बानी॥ आजादी का नेतृत्व किया था अपना,बापू तन पर जिसके थी लंगोटी।सूट-बूट वाले … Read more

प्यार का नाम जीवन

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ******************************************** ईश का दिया यह जीवन,जन्मों के संचित,पुण्य का वरदान।विवाह की पवित्र,वेदी परगठबंधन बाद शुरू,होता दाम्पत्य जीवनll स्नेह,दुलार,नाजों से पली गुड़िया,माता-पिता,परिवार छोड़ आती।नये परिवार वाले,ससुराल में,पति की वामांगी होकर साथ निभातीll परिवार नया,लोग अनजाने हर,तरह सामंजस्य,बिठाती नव विवाहिता।सभी का साथ व प्यार मिले उसे,अपना माने,सभी को विवाहिताll दाम्पत्य जीवन की … Read more

भारत की बेटियाँ

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ******************************************************* सदियों से,सम्मानित रही हैं,इस भारत देश,की बेटियां।धैर्य,शौर्य,गुणों की खान रही,इस भारत देश,की बेटियाँ॥ इतिहास भरा,पड़ा है हमारा,बेटियों के कारनामों,से भरपूर।चली हैं काँधे से,काँधा मिलाकर,पुरूषों के,साबित किया खुद को भरपूर॥ परंतु आज,विपरीत है स्थिति,बदली है,समाज की दूषित सोच।बेटियों के साथ,हो रहा कैसा,अमानुषिक व्यवहार,घृणित सोच॥ अपराध,उत्पीड़न,बलात्कार,बेटियों के साथ,हो रहा चहुंओर।मनीषा,प्रियंका,दामिनी,निर्भया,अस्मिता की … Read more

पेड़-पौधे हैं जीवन

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ******************************************************* हर घर हो,पेड़-पौधों से भरा,फूल और खुशबू से,हो महका।टहनियों में,फुदकते हो पंछी,सुमधुर संगीत से हो,घर चहकाll पेड़-पौधे देते,मन की शांति,मानव लेता प्राणवायु,नित पल।सुख,शांति,सम्पन्नता आती,घर को श्रृंगारित,करते हर पलll जग में जाहिर,पेड़-पौधे,लगाओ भरपूर पुण्य पाओ।ये रखते मानवता,को जीवंत,हर पल इनकी,सुरक्षा करोll पूरी कायनात,देती साथ पेड़,पौधों को,विकसित करने में।पानी,खाद और देखभाल … Read more

दर्द को और दर्द दो…

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** दो मित्र रामलाल और श्यामलाल,शाम को पार्क में हर दिन की तरह मिले। श्यामलाल ने मित्र को देखकर कहा-“यार रामलाल,क्या हुआ ? तुम लंगड़ी घोड़ी की तरह क्यों चल रहे हो। माना कि रिटायर हो गए हो तो,क्या तुम कमजोर भी हो गये हो। रिटायर होने के बाद तो,व्यक्ति … Read more

चीन को सबक सिखाने का वक्त

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** हिंदी चीनी भाई-भाई नारा १९६२ में लगाया गया था। परिणाम स्वरूप चीन ने हमारे साथ धोखा किया और हमारे देश पर हमला किया। उस समय चीन हमसे मुँह की खाने के बाद भी हमारी सरहदों को निरन्तर हड़पने और अपने फायदे के लिए उपयोग करने का प्रयास करता रहा … Read more

बैंड-बाजा बिन बारात

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** आओ मैं,हाल सुनाता कोरोना काल के,दूल्हे का…ना नाच न,गाना बैंड-बाजा,बारात,बिन दूल्हे का। छठें रहते बाराती भी,बारात में बच्चे-बूढ़े रहते,नदारद कोरोना में,बाराती भी चलते,ढीले-ढाले से,जोश-उमंग नजर,नहीं आता दूल्हे में। दूल्हा पैदल चलते,सोच रहा मैंने जाने,कौन-सा पाप किया!शादी में मेरी,कोरोना आया,घोड़ी चढ़ना भी,हिस्से नहीं आया। लोग शादी के,समय भी मेरी,मुझसे ‘सामाजिक … Read more

हरा-भरा हो जीवन सबका

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* हरा-भरा हो,जीवन सबका, गुलशन में सुमन,खिला हो जैसे। प्रकृति रहे, प्रदूषण मुक्त, इंसानियत का,श्रृंगार हो ऐसा॥ वृक्ष की जड़ें,हों गहरी, हरियाली की,हो आबादी। पेड़-पौधे,नष्ट करने वाले, घोषित हों,प्रदूषण के आतंकवादी॥ मानव करें,प्रगति, विचरें नभ के,शीश पर। पर रहे,मानवता स्वस्थ जंग न लगे,हरीतिमा के भाल पर॥ नगरी-नगरी,जंगल-जंगल, हरियाली का,ना … Read more

जनसैलाब

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* परिवार फटेहाल,सुविधा से वंचित गर्भवती,पत्नी साथ। घर पहुंचने की,इच्छा ने, प्राण को भी,दांव पर लगाया साथ॥ बीच राह में,कहीं छाँव तले, बैठ ढूँढते कोई,मदद सहारा। कभी किसी ने कहीं,पानी भोजन, दिया जिंदा रहने,का मिला सहारा॥ आसमां देता,कड़ी धूप व आंधी, पसीने,श्रम से तरबतर । आँसू पोंछते,भाग्य को कोसते, … Read more

कालिंदी और कपिला

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* “सुनो जी,पड़ोस में गाय ने कुछ दिनों पहले,बछिया को जन्म दिया है, वह बहुत ही सुंदर है। मैं चाहती हूँ कि सामान के साथ,उसे भी घर ले चलें। घर में गौ माता का होना शुभ होता है।” पत्नी ललिता की बात सुनकर कन्हैया लाल जी ने कहा-“ठीक है, … Read more