तेरे शहर की हवा

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) ************************************************************************* तेरे शहर की हवा भी गरम लगती है, तुझे देखने के बाद हर चीज भरम लगती हैl टूट जाने दे फिर आज इस शीशे को, जब भी देखती हूँ कुछ तो कमी लगती हैl कितने बेताब हैं लोग यहाँ तुझे देखने को, तेरी गली में मेलों की तरह भीड़ … Read more

मुझे प्यार नहीं हो सकता

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) ************************************************************************* हुस्न कभी वफादार नहीं हो सकता, मुझे इश्क़ से इंकार नहीं हो सकता। पत्थर सा दिल हो गया है मेरा, अब मुझे प्यार नहीं हो सकता। गम का समंदर मेरी आँखों में है, मुझे अश्क से इंकार नहीं हो सकता। रात भर जो जला था रोशनी का दीया, मुझे … Read more

तेरे शहर में दीवाने…

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** सुना है तेरे शहर में दीवाने बहुत हैं, दीवाने तो हैं मगर तेरे दीवाने बहुत हैंl तबाह हो गया है सारा शहर एक रात में, तुझ पर मिटने के लिए अभी परवाने बहुत हैंl देखने खड़ा है सारा शहर तेरी एक झलक को, चाँद एक है,आसमान में सितारे बहुत … Read more

कभी सोचा है…

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** कभी सोचा है ये शायरी कैसे बनाता हूँ, तुझपे लिखी शायरी तुझको सुनाता हूँ। तुझसे बातें होते ही सुकूं मिलता है दिल को, तुझे ना देखूँ तो बैचेन हो जाता हूँ। जाने क्या क्या ना लिखा है तेरे बारे में किताबों में, तेरे सामने आते ही सब-कुछ भूल जाता … Read more

इश्क थोड़ा-सा उसको भी सिखा देना

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** इश्क थोड़ा-सा उसको भी सिखा देना, कि जब भी पन्ना पलटे,याद मेरी दिला देनाl धुआं हो जाएगी ये जिंदगी आखिर, सभी को राख होना है,ये उसे भी बता देनाl दिल टूट चुका है अब और क्या तोड़ोगे, ये आवाज थी उसकी,कोई पूछे तो बता देनाl रहम करना तू मेरी … Read more