कैसे शब्द सजाऊँ…?

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** कैसे शब्द सजाऊँ साथी…?? कैसे शब्द सजाऊँ…??दुनिया में घनघोर तबाही,कैसे शब्द सजाऊँ…?? आज सिमटता-मिटता जाता,मानवता का सागर,आत्मा प्यासी,सूखी-सी है,प्रेम के रस की गागर।नहीं मिलता…

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आया बसन्त

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** लो! अब हुआ,जाड़े का अंत,मस्त मदमाता,फिर आया बसंत। मौसम सुहावना,न शीत-न गरमी,पवन की गति में,अब बनी है नरमी। पीली-पीली,धानी ओढ़ चुनरिया,बनी प्रकृति आज,मानो दुल्हनिया।…

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मेरी भी सुनो…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** बनी धाय थी,वही गाय हूँ, करते क्यों तुम तिरस्कार। किस दिन लौटे,फिर जीवन में, मेरे वो ही पूर्व बहार। बन उजाड़ मैं…

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हूँ खुशकिस्मत `अध्यापक` हूँ…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** हूँ खुशकिस्मत अध्यापक हूँ, है कार्यक्षेत्र मेरा अध्यापन। ज्ञान की अलख जगाने को ही, है मेरा सब समराथन। अज्ञान लोक यह जीवन…

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आओ विजय दिवस मनाएं…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. दुश्मन हमसे हारा था,जीत अभियान हमारा था, कारगिल जीता सारा था,जय-जय भारत नारा था। करनी ऐसी कर…

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