अंतर्मन में सामंजस्य और विपत्ति में रक्षा की प्रतिबद्धता है ‘रक्षाबंधन’
योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. ‘रक्षाबंधन या रक्षा कवच!येन बद्धो बलिराजा, दानवेंद्रो महाबल:,तेन्त्वाम् प्रतिबध्नामि, रक्षे माचल!माचल!!’श्रावण-पूर्णिमा के दिन एक रक्षा कवच बाँधने का विधान है,जिसे बोलचाल की भाषा में राखी कहते हैं। यह पर्व एक-दूसरे के प्रति आस्था जगाने,एक-दूसरे की रक्षा करने के लिए वचनबद्ध होने का है। भले कोई किसी … Read more