बहुत हुआ,अब और नहीं

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** धर्म के नाम पर,उन्माद को, अब रोकना होगाl उग़लती विष जो जिह्वाएं, उन्हें अब टोकना होगाll नहीं समभाव हो जिसमें, धर्म कैसे हुआ,तब,वोl घृणा…

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