न खून बहे,न कोई `जातिवाद` का पाप सहे..
दीपेश पालीवाल ‘गूगल’ उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** वो निम्न कुल की लड़की थी, मैं स्वर्ण जात का लड़का था। वो जय भीम की करती थी, मैं इंकलाब को गाता था। वो देख मुझे यूँ मुस्कुराती थी, मैं उसको देखकर हँसता था…l वो निम्न कुल… हौले-हौले फिर प्यार हुआ,धीरे से इजहार हुआ, जाति अलग थी दोनों की,झटपट … Read more