शुभकामनाओं में संभावनाएं
सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** शुभकामना संदेश देखकर मन घबरा जाता है। शुभकामना का आना बिना बुलाये मेहमान की तरह खतरनाक हो गया है। शुभकामना दिखाई देती है,पहला प्रश्न उठता है-किसने भेजी,क्यों भेजी ? पिछले दिनों संबंध कैसे रहे,क्या इनसे कभी कोई काम करवाया या किसी काम के लिए,किसी को भेजा है,तमाम प्रश्न कौंध … Read more