आदमी जैसा भगवान
डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* एक आधुनिक भक्त, जब थका,टूटा-सा। पहुँचा,भगवान के द्वार, मंदिर में देखा,बंद हैं भगवान। निरन्तर आँसूओं का,प्रवाह लिए, हृदय में,भक्ति भाव लिए। स्वर में विवशता,मन में चाहत, सब पाने की,लालसा में। आवाज़ देने लगा, चौखट में सिर,फोड़ने लगा। भगवान ने देखा,परखा, मुस्कुराए और बोले-, क्यों आया है,मूर्ख यहां ? … Read more