कट्टरता यानि दृढ़ता,धर्म का उन्माद नहीं

अरशद रसूलबदायूं (उत्तरप्रदेश)**************************************************** मौजूदा दौर में ‘कट्टर’ शब्द का एक नया मतलब सामने आया है। इस शब्द का विकसित नया अर्थ राजनीति में भी खूब प्रचलित हुआ है। सकारात्मक रूप से मैंने इस शब्द को देखा,पढ़ा और समझा है। कट्टर शब्द ऐसा बिल्कुल नहीं है,जैसा इसको पेश किया जा रहा है।कट्टर का शाब्दिक अर्थ ‘अपने … Read more

वादा झूठा हो जाए

अरशद रसूलबदायूं (उत्तरप्रदेश)**************************************************** भुलाना तो बहुत चाहापुरानी यादों को,उसके वादों कोहम समझ ही न सके,उसके इरादों को। शामिल किया था उसने,हमेशा मुझे वफाओं मेंएक जुदा असर था,उसकी दुआओं में। अचानक वक़्त ने,करवट बदली हैउसने भी बदला वादा,नहीं है पहले सा इरादावह हो चुका है,तर्के तअल्लुक पर आमादा। अब बस,यही दुआ है…तर्के तअल्लुक का वादा,झूठा हो … Read more

उजला किरदार

अरशद रसूलबदायूं (उत्तरप्रदेश)**************************************************** डॉ. अमीन का नाम बस्ती में बेहद अदबो- एहतराम के साथ लिया जाता है। २ साल पहले ही तो डॉ. साहब ने कस्बे में आकर क्लीनिक खोला था। उनके यहां दिनभर अच्छी बातें होती रहती थीं। नौजवानों को भलाई की बातें भी बताया करते थे। कस्बे में गमी-खुशी,कुछ भी हो डॉ. साहब … Read more

गुलों के नगर में

अरशद रसूलबदायूं (उत्तरप्रदेश)**************************************************** जहां दूर तक कोई साहिल नहीं था,मैं दरिया-ए उल्फत में डूबा वहीं था। गुलों के नगर में जो गोशा नशीं था,बड़ा खूबसूरत वह बेहद हसीं था। यह इंसाफ दुनिया का अच्छा नहीं था,बहारें वही थी,जहां हमनशीं था खबर ही नहीं थी पता ही नहीं था,सितमगर हमारे ही घर में मकीं था। तसव्वुर … Read more

इतवार यूँ मनाएं

अरशद रसूल बदायूं (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* ऐसे इतवार मनाएं हम, पापा का हाथ बटाएं हमl अकेले करते रहते काम, नहीं मिलता उन्हें आरामl भाग-दौड़ में थक जाते हैं, ऑफिस में वो पक जाते हैंl गर्मी,सर्दी कि हो बरसात, सहन करते मुश्किल हालातl रोजाना कुछ लेकर आते, हम पर ढेरों प्यार लुटातेl निभाते अपने सारे फ़र्ज़, सभी … Read more

अधरों से मेरे लग जाता

अरशद रसूल, बदायूं (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* उसने अंग अंग महकाया, उससे ही खिल जाती काया सफाई के रखे लाखों गुन, ऐ सखि साजन,नहिं सखि साबुनl बातों से सदा करता वार, हार कर भी नहिं माने हार करता है वह अक्सर अपील, ऐ सखि साजन,नहिं वकीलl गिरने पर है मुझे उठाया, स्वस्थ करे वह मेरी काया पीड़ा … Read more

राष्ट्र प्रेम के अवसर तो अनेक

अरशद रसूल, बदायूं (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* आधुनिकता की चाशनी में लिपटा परिवेश, भौतिकवादी संस्कृति में डूबा देश का जनमानस,पागलपन की हद तक पश्चिमी सभ्यता की नकल आदि। अगर इस समय हम समाज की स्थिति को देखें तो पूरी तरह से बाजारवाद हावी है। न कोई विचार,न कोई चिंतन और न ही ‘मैं’ से ‘हम’ होने का … Read more

सबका फायदा,फिलहाल दूर ही रहो

अरशद रसूल, बदायूं (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* आप सभी जानते हैं इन दिनों हमारा देश ‘कोरोना’ विषाणु जैसी महामारी से जूझ रहा है। यह एक ऐसी भयानक बीमारी है जो एक इंसान से दूसरे में और धीरे-धीरे समाज में फैलती है। आपस में ज़्यादा मिलने-जुलने और संपर्क बढ़ने से यह विषाणु बहुत तेजी से फैलता है। सिर्फ … Read more

मिलकर मार भगाओ ये ‘कोरोना’

अरशद रसूल, बदायूं (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* जग में मचा हुआ है रोना-धोना, मिलकर मार भगाओ ये ‘कोरोना।’ छोटा बच्चा है या कोई बड़ा है, कैद हर शख्स घर में ही पड़ा है। छाया यही एक खौफ चारों ओर, टूट न जाए कहीं ये जीवन डोर। मुश्किल में होश नहीं अपने खोना- मिलकर मार भगाओ ये कोरोना॥ … Read more

अंधेरों का दर्द

अरशद रसूल, बदायूं (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* रूबरू जब कोई हुआ ही नहीं, ताक़े दिल पर दिया जला ही नहीं। ज़ुल्मतें यूं न मिट सकीं अब तक, कोई बस्ती में घर जला ही नहीं। बेजमीरों के अज़्म पुख़्ता हैं, ज़र्फ़दारों में हौंसला ही नहीं। नक़्श चेहरे के पढ़ लिये उसने, दिल की तहरीर को पढ़ा ही नहीं। … Read more