जिस दिन सब्र का बांध…

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** बहुत दर्द दफन है,लोगों के दिलों मेंकर नहीं सकते कुछ,इसलिए सभी मौन हैं।कब तक दर्द के साथ,लोग जिंदगी जीएंगे ?जिस दिन सब्र का,बांध टूट जाएगा।उसी दिन भारत का नक्शा,पूरी तरह बदल जाएगा॥ आज तक ऊपर वालों,और नीचे वालों को दियापर मध्यम वर्ग वालों से,तो हरदम लिया।पर आज तक किसी ने,उनके लिए कुछ … Read more

वो मेरे साथ हो गए

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** तुमने मुझे क्यों चुना, मोहब्बत करने के लिए। मुझमें तुम्हें क्या, अच्छा और सच्चा लगा। मैंने तो तुमसे कभी, निगाहें मिलाई ही नहीं। फिर भी तुमने अपना दिल, मेरे को क्यों दिया॥ दिल के झरोखों से क्या, तुम्हें कोई तरंग मिल गई! मैंने सुना बहुत था, तुम्हारे बारे में कुछ। पर मुझको … Read more

बहते आँसू

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* ‘कोरोना’ का रोना, रोते इंसानों की आँखों से बहते आँसू, कह जाते हालातों को बिन बोले। तपती धूप में, प्यासे कंठ लिए पाँवों में छाले लिए, घर जाने की आस लिए भूखे प्यासे राहगीर, चलते जाते मन से जलते जाते ? सेवाभावी लोगों से, मिल जाती दो जून की रोटियाँ। … Read more

मजदूरों को गले लगा लो

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** मंजिलों पर बढ़ते कदम,जब लौटने लगते हैं मुड़ के, मेहनतकश हाथ याचना करने लगते हैं जब जुड़ के ऐ मुल्क के बाशिंदों ये समय आ गया है सोचने का, हमें झांक कर ही देखना होगा गिरेबान में खुद के। वृक्षों की शाखाओं पर बैठ,आनंदित हैं हम सभी, इनकी जड़ें मजदूर … Read more

गहरा रिश्ता

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** सागर से भी गहरा है, हमारा रिश्ता। आसमान से भी ऊंचा है, हमारा रिश्ता। दुआ करता हूँ ईश्वर से कि, ऐसा ही बना रहे हमारा रिश्ता॥ देखे बिना जान लेता हूँ, बोले बिना ही तुम्हें, पहचान लेता हूँ। रूह का रूह से जो है, हमारा रिश्ता। इसलिए तो हर आहट, तेरी … Read more

जिस पथ पर मजदूर अनेक

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** सड़क हादसों में काल कवलित मजदूरों को श्रृद्धांजलि… ये भूख है,खौफ है,मजबूरी है या कोई इनकी हताशा ये ‘पुष्प के आँसू’ होते,या होती ‘पुष्प की अभिलाषा’, आज चाहिए फिर एक माखनलाल जो सके यह देख जिन पथों पर निकल पड़े हैं मरने को मजदूर अनेक। पल-पल घर पहुँचने का सपना … Read more

बस,थोड़ी-सी इंसानियत जिंदा तुम कर लो

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** किसी को क्या दोष दें हम, जब अपना सिक्का ही खोटा। दिलासा बहुत देते हैं, स्वार्थी इंसान दुनिया के। समझ पाता नहीं कोई, उस मूल जड़ को। जिसके कारण ही दिलों में, फैलती है अराजकताll समानता का भाव तुम, जरा रखकर तो देखो। बदल जाएगी परिस्थितियां, इस जमाने के लोगों। बस … Read more

भारी मेरा नहला

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** अचानक ये दुनिया काँपी एक कोलाहल-सा ऐसा मचा मानो आ गया हो जैसे यहाँ,कोई भयानक जलजला। मैं तो मस्त,बस निहार रहा था खुले आसमान के नजारे, कब पैरों तले ये जमीन खिसक गयी,पता ही नहीं चला। मुझे सलामत देख के,फर्श पे औंधे पड़े मुस्करा के बोले इसे,पर्दाफाश-जिदंगी के राज का,मालूम … Read more

‘माँ’,जिसमें समाया सारा जहाँ

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. एक अक्षर का शब्द है ‘माँ’, जिसमें समाया सारा जहाँ। जन्मदायिनी बनके सबको, अस्तित्व में लाती वो। तभी तो वो माँ कहलाती, और वंश को आगे बढ़ाती। तभी वह अपने राजधर्म को, माँ बनकर निभाती है॥ माँ की लीला है न्यारी, जिसे न समझे दुनिया … Read more

खुशी में गा लूं

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** जी करता है अपने दिल की बात कह ही डालूं, सीने में है एक जलजला,कहीं तो इसे निकालूं… साथ देता रहा लोगों की कई गलत बातों में भी, छोड़ के अब सभी वो बातें,मैं भी गंगा नहा लूं। मेरे दोस्त,क्यों सहमे हैं,मेरे इस फैसले से, रोते हुए इन दुश्मनों को … Read more