यक्ष-प्रश्न

संदीप ‘सरस’सीतापुर(उत्तरप्रदेश)*********************************************** मैं अमरबेल-सा परजीवी,तुम पारिजात से वृक्ष बने।मैं हूँ रसहीन अगीत किन्तु,तुम छन्दों के समकक्ष बने। मैं हाथ जोड़कर उत्तर देता,धर्माश्रयी युधिष्ठिर सा,तुम काम्यावन सरिता तट पर,प्रश्नोत्तर करते यक्ष बने। तुम पांचाली-सा अट्टहास,मेरी पीड़ा दुर्योधन-सी,मैं मृत्युञ्जय सा अभिशापित,तुम रथ का धँसता अक्ष बने। मैं भीष्म सरीखा दृढ़प्रतिज्ञ,तुम शान्तनु जैसे कामातुर,मैं पक्ष निहत्थे माधव-सा,तुम शकुनी-सा … Read more

राम! तुम्हारे प्रण के आगे,तीन वचन-धन हार गई

संदीप ‘सरस’सीतापुर(उत्तरप्रदेश)********************************************************* जग कहता है,पुत्र मोह में,राघव को वनवास दे दिया,किसे पता संकल्प साधने,जीवनभर का त्रास ले लिया।राजतिलक की परिपाटी में,बनकर अड़चन हार गई हूँ॥ जान चुकी तुमको जाना है,किन्तु वचन की लाज बचाना,देख रहे जो राह तुम्हारी,उनके नयन जुड़ाकर आना।जीत सकूँगी वह मर्यादा,मैं जो पावन हार गई हूँ॥ हेतु बनाकर सीता को जब,तुमने है … Read more

राम हैं अवतार

संदीप ‘सरस’सीतापुर(उत्तरप्रदेश)******************************************************************* धर्म संस्थापना,अधर्म के विनाश हेतु,राम हैं धरा पे अवतार,समझाये कौन ?छल-बल दुष्टता से जानकी हरण कर,काल को निमंत्रित किया है,बतलाये कौन ?बल से मदान्ध हुआ रावण विवेकशून्य,अट्टहास करता है इसको सुनाये कौन ?राम ही उठाने वाले राम ही गिराने वाले,राम जब मारें बोलो राम से बचाये कौन ? परिचय-साहित्य जगत में संदीप मिश्र … Read more

गांधारी-कृष्ण संवाद

संदीप ‘सरस’ सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* हे कृष्ण मुझे उत्तर दे दो,द्वारिकाधीश उत्तर दे दो। मैं गांधारी हूँ पूछ रही,देवकीपुत्र उत्तर दे दो। बोलो भाई को भाई से लड़वाना कैसा धर्म रहा ? हे कृष्ण हमारे पुत्रों को मरवाना कैसा धर्म रहा ? हे कृष्ण मुझे उत्तर दे दो,द्वारिकाधीश उत्तर दे दो। पांडव वन में सन्तुष्ट रहे,तुमने … Read more

‘आधा आदमी’ का समूचा आख्यान

संदीप ‘सरस’ सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* उफ़्फ़फ़….इतनी मानसिक,शारीरिक और सामाजिक यंत्रणा! यकीन नहीं होता,यह हमारी ही तरह मनुष्य योनि में जन्म लेने वाले किन्नर समाज के लोग हैं,जो किसी शारीरिक अक्षमता के चलते इतनी उपेक्षा,इतनी वितृष्णा झेलने के लिए अभिशप्त हैं। यकीनन सक्षम कलमकार ‘राजेश मलिक’ के उपन्यास का नाम भले ही ‘आधा आदमी’ है, लेकिन वह … Read more

वन्दे मातरम

संदीप ‘सरस’ सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… शत्रु के समक्ष रण में न खौलने लगे तो, बोलो ऐसे रक्त की रवानी किस काम की। हाथ कट जाएँ यदि ताज गढ़ने के लिए, बोलो ऐसी प्रेम की निशानी किस काम की। जिसमें न शौर्य का जुड़ा हो कोई एक पृष्ठ, ऐसे इतिहास की कहानी किस … Read more

मार डाला…

संदीप ‘सरस’ सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* मुश्किलों से बच गए थे राहतों ने मार डाला। लक्ष्य को मेरे,सरलतम अवसरों ने मार डाला। दिल लगाना चोट खाना चोट खाकर मुस्कुराना, अंततः मुझको मेरी ही आदतों ने मार डाला। आड़ लेकर तीन वचनों की स्वयं जंगल गए थे, कैकई को राम के ही आग्रहों ने मार डाला। धर्म रक्षा … Read more