राम

संदीप ‘सरस’सीतापुर(उत्तरप्रदेश)******************************************************************* रघुकुल वंश के न मान को बचा सका हूँ,लौटकर वापस अयोध्या कैसे जाऊँगा।प्राणप्रिय जानकी को पहले ही खो चुका हूँ,भाई बिना माताओं को मुँह क्या दिखाऊँगा।सीता हेतु लखन…

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