जय गुरुदेव
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *************************************************** संतों के तुम संत थे,सचमुच दैवीय संत।राह दिखाई सद्गुण की,किया पाप का अंत॥ थे साधक तुम उच्चतम,पावन एक महंत।सिक्ख धर्म का कर सृजन,बने आप बेअंत॥ देव गुरू नानक प्रखर,थे जीवन का सार।बाँटा जिनने नित्य ही,एक सुखद संसार॥ महादेव थे,ताप थे,लिया दिव्य अवतार।आये सबको सौंपने,जीवन का उजियार॥ तलवंडी में जन्म ले,बने … Read more