जय गुरुदेव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *************************************************** संतों के तुम संत थे,सचमुच दैवीय संत।राह दिखाई सद्गुण की,किया पाप का अंत॥ थे साधक तुम उच्चतम,पावन एक महंत।सिक्ख धर्म का कर सृजन,बने आप बेअंत॥ देव गुरू नानक प्रखर,थे जीवन का सार।बाँटा जिनने नित्य ही,एक सुखद संसार॥ महादेव थे,ताप थे,लिया दिव्य अवतार।आये सबको सौंपने,जीवन का उजियार॥ तलवंडी में जन्म ले,बने … Read more

मृदुला सिन्हा थीं महान इंसान और साहित्यकार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *************************************************** राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष,सुप्रसिध्द साहित्यकार,समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष व गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा जितनी सशक्त लेखिका थीं,जितनी मानवाधिकारवादी थीं,उतनी ही श्रेष्ठ वे संस्कृति प्रेमी भी थीं। सरल,विनम्र,व्यवहारकुशल,मिलनसार, निरभिमानी मृदुला जी वास्तविक अंशों में राष्ट्रवादी थींl वे अत्यंत सहज व सामाजिक सरोकारों-मानवीय मूल्यों से अनुप्राणित … Read more

प्लास्टिक को त्यागें

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *************************************************** अपनी ही करनी का फल तू,भुगत रहा इनसान,तूने आज स्वयं का देखो कर डाला अवसानतूने खोजित किया प्लास्टिक,हर कामों में साधा,इसीलिए यह फैल रही है शुद्ध हवा में बाधाआज ‘कोरोना’ लेकर आया,मौत की काली छाया,लिपटी हुई आज प्लास्टिक में,मानव की तो काया। मानव तू सचमुच अविवेकी,पैर कुल्हाड़ी मारी,तेरी करनी से … Read more

गाँधी-दर्शन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************************** गांधी जयंती विशेष………….. मुझे गांधी ने सिखलाया,जिऊँ मैं कैसे यह जीवन,बनाऊँ कैसे मैं इस देह और मन को प्रखर,पावन।मुझे नैतिकता-पथ दिखला के,रोशन आत्मा कर दी-पूज्य बापू के कारण ही,महकता है मिरा मधुवन॥ जिये सत् भाव लेकर गांधी,सौंपा हमको यह ही स्वर,अहिंसा-ताव लेकर बन गये,मानव से वे इक सुर।युगों तक वंदना … Read more

चीन से हमारे रिश्तों की पड़ताल:विश्लेषणात्मक अध्ययन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** गलवन में हमारे २० बहादुर जवानों के बलिदान ने समूचे देश को गुस्से से भर दिया है। इस घटना से हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान को चोट पहुंची है। अब भारत,चीन के दुस्साहस का जवाब कैसे देता है,यह न केवल हमारे लिए महत्वपूर्ण होगा,बल्कि विश्व व्यवस्था पर भी अपना प्रभाव छोड़ेगा। मौजूदा … Read more

महाकवि तुलसीदास

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष.. संत आप उत्कृष्ट थे,सचमुच रहे विशेष।गोस्वामी जी आपसे,रोशन देश-विदेश॥ रामचरितमानस रचा,फैलाया उजियार।उससे जीवन को मिला,मूल्यसहित नव सार॥ मर्यादा के रूप को,दिया नवल आकार।धर्म,नीति का हो गया,हर चरित्र साकार॥ रही सुवासित सादगी,जीवन था अभिराम।राम नाम प्रभुता लिये,गरिमा के आयाम॥ तुलसी बाबा आप थे,मानो … Read more

माँ पूजा का थाल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. माँ होती करुणामयी,माँ सूरज का रूप। देती जो संतान को,सुख की मोहक धूप॥ माँ ईश्वर जैसी लगे,होती पालनहार। माँ में पूरा है भरा,यह सारा संसार॥ हरदम वंदन में रहे,माँ का अनुपम त्याग। माँ-महिमा गायन करें,सातों सुर औ’ राग॥ माँ धरती जैसी लगे,माँ होती … Read more

चिंता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मौसम बदला लग रहा,बदले सब आयाम। ‘कोरोना’ ने कर दिया,सबका काम तमाम॥ ईश्वर है आक्रोश में,देखो सुबहोशाम। कैसा इंसां हो गया,कैसा उसका काम॥ शंकाओं का दौर है,शेष न अब विश्वास। मन घायल हर पल लगे,टूट रही है आस॥ चिंताएं नित पल रहीं,सभी जगह विध्वंस। हर कोई रावण हुआ,लगता जैसे … Read more

फ़र्क

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** “रमा बहन,आजकल आप दिखाई नहीं देतीं,कहां व्यस्त रहती हैं ?” “अरे उमा बहन,बात यह है कि मेरी बेटी एक माह के लिए मायके आई हुई है,तो उसी के साथ कम्पनी बनी रहती है।” “पूरे एक माह के लिए ?” “हाँ,बिलकुलl” “अरे बेटियां ससुराल में पिसती रहती हैं,तो उन्हें आराम … Read more

वतन हमारा…

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……….. हिम्मत,ताक़त,शौर्य विहंसते,तीन रंग हर्षाये हैं! सम्प्रभु हम,है राज हमारा,अंतर्मन मुस्काये हैं!! क़ुर्बानी ने नग़मे गाये, आज़ादी का वंदन हैl ज़ज़्बातों की बगिया महकी, राष्ट्रधर्म-अभिनंदन हैl सत्य,प्रेम और सदभावों के, बादल तो नित छाये हैं! सम्प्रभु हम,है राज हमारा,अंतर्मन मुस्काये हैं!! ज्ञान और विज्ञान की गाथा, … Read more