आ गया फिर बसन्त

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************ आ गया फिर बसन्त,फूलों को कहे हसन्तबाग-बगीचे खिल गए,हृदय से हृदय मिल गए।सरसों के हाथ पीले,चना तनकर मुस्कायाअलसी ने कमर मटकाई,गेहूं फूला न समाया।कृषक का धन यही,जब खेत लहलहायाआम मंजरी से भरे,कोयल ने गीत गाया।ऋतुराज की महिमा है,वातावरण हरषाया।सुगन्धित हवा बहती,मधुकर का समय आया॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैL २६ … Read more

स्वार्थ की दीमक रोक न सके

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************* राष्ट्रीय मतदाता दिवस हम सालों से आ रहे मनाते हैं,लोभ स्वार्थ के वशी सत्ता के लिए समझ क्या पाते हैं।मतदान के लिए जागरूकता शीर्ष को सचेत न करती-औपचारिकताएं निभाते जाओ,बस सूत्र यही अपनाते हैं॥ कल को पराक्रम दिवस आज मतदाता फिर कल गणतंत्र मनाना है,हम क्या थे क्या हो गए और … Read more

चहकें और चहकाएं

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************* एक बार फिर आहट, होने लगी है अगले साल की कलैण्डर बदलने बधाईयां देने का समय, देश-विदेश को सन्देशों से जोड़ने- पर आकांक्षा यही है, कि २०२० सा ‘कोरोना’ वाला न हो। घर में कैद ‘लाकडाउन’ सा नहीं, खेलता-कूदता बचपन शिक्षा के मन्दिरों का, मुस्कराना-दौड़ना-भागना न रोके हाँ,बीस से इक्कीस नाम … Read more

हर साल बाढ़,अब समाधान करना होगा

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** जून से अब तक जब भी टी.वी. खोलो या किसी समाचार-पत्र पर नजर डालो-आज इतने बेघर इतने बहे और इतने मरे…पढ़ने अथवा सुनने को मिलता है। बड़े-बड़े व आधुनिक सुविधाओं शासन व्यवस्थाओं के लिए लोकप्रिय महानगर २-३ घण्टे की बरसात नहीं सह पाते। सड़कों पर पानी भर जाता है,नालियां बन्द होकर … Read more

घायल हो रहा हिमालय

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** आज देश की कई सीमाएं असुरक्षा से मचलती हैं, घायल हो रहा हिमालय शहीदों की संख्या बढ़ती है। देश के अन्दर कानाफूसी दोषारोपण में उलझे लोग- समय बदला-हम न बदले,पीढ़ी आत्मा की न सुनती है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई … Read more

अब तक मनुज समझ न पाया

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. यदि धरा आज न होती, तब मानव कहां से होता रहता कहां घूमता कहां, और कहां घर बना सोता। रत्न प्रसवनी वसुधा यह, सबकी जननी कहाती है यह कितने भी कष्ट सहे, मातृत्व दुलार लुटाती है। जड़ चेतन कुछ भी यहां हैं, सबका धरती से … Read more

प्रेम से मिलते हैं…

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** कहीं-कहीं पर रंग मिलते हैं, कहीं पर मित्रों दिल मिलते हैं। सालों की कटुता कोई मिटाता- प्रेम का पर्व यह प्रेम से मिलते हैं॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैl उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय … Read more

मिलना होली है

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** रंगों का मिलना होली है, हृदय मिले हमजोली है। मिलन पर्व मिला सके तो- सच का पर्व ठिठोली है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैl उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय टनकपुर-उत्तराखण्ड)का हैl सामाजिक गतिविधि के … Read more

रंग चढ़ने लगा

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** होली का रंग चढ़ने लगा है, फगुआ बसंत बढ़ने लगा है। नाचने गाने वाले निकल आये- देखो बसंत खिलने लगा है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैl उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय टनकपुर-उत्तराखण्ड)का हैl सामाजिक … Read more

फाग का छिड़ा राग

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** होली के रंग मिले जब हृदय खिलने लगे, फाग का छिड़ा राग बाल युवा मचलने लगे। विविध रंगों से सजा मिलन पर्व ज्यों आया- मस्ती से झूम-झूम कर होलियारे निकलने लगे॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही … Read more