नवप्रभात आएगा

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* निशी के बंधन को तोड़ नवप्रभात आयेगा।सूर्य की लालिमा से अब यह निखर जायेगा॥ पेड़ों पर कुछ नई अब कोपलें खिल जायेंगीं,कलियां फूल बनकर एक नया गीत गायेगीं।भंवरा भी आकर अब प्रभाती गीत गायेगा,निशी के बंधन… रूप की सरिता वसुंधरा भी अब बहायेंगी,आँचल में खुशियां लिये यह कुछ गुनगुनायेगी।सूरज नव प्रकाश बन … Read more

श्रद्धा ही श्राद्ध

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)*********************************************************** श्रद्धा ही श्राद्ध है,इसमें कहाँ अपवाद है। सत्य…सनातन सत्य,जो वैज्ञानिकता का आधार है…इसमें कहाँ अपवाद है,श्रद्धा ही श्राद्ध है। सत्य-सनातन संस्कृति पर,जो उंगलियां उठाते हैंइसे ढोंगी,ढपोरशंखी बताते हैंवो भरम में ही रह जाते हैंआधे सच से,सच्चाई तक…कहाँ पहुंच पाते हैं,श्राद्ध श्रद्धा और विश्वास है। यह निरीह प्राणियों की आस है,यह मानव … Read more

श्री गणेशा

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** श्री गणेश चतुर्थी स्पर्धा विशेष….. जय मंगलमूर्ति…श्री गणेशा,जय विघ्न विनाशक,हरो कष्ट कलेशा। संपूर्ण विश्व का उद्धार हो,जीवन का आविर्भाव होlविपदा में दुनिया है सारी,बस तुम पर आस बंधी भारी।जय मंगलमूर्ति….श्री गणेशा… अब कोरोना का संहार हो,जीवन का नवनिर्माण हो।जय मंगलमूर्ति…श्री गणेशा।जय विघ्न विनाशक,हरो कष्ट कलेशा। सारी दुनिया थम-सी गई है,तेरी करुणा … Read more

तुझसे कैसा शिकवा

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** नहीं शिकवा जरा तुझसे,या रब,मुझको है कोई,धूप तेरी,छाँव तेरी और मरजी भी तेरी…तू चाहे जो सिला दे,ना गिला मुझको है कोई। जो माँगी महफ़िलें मैंने,तूने तन्हाइयाँ दी,जो महफ़िल दी साथ तूने मुझे रुसवाइयाँ दीफ़िज़ा तेरी,ख़िज़ां तेरी और मरजी भी तेरी,रज़ा तेरी में राजी,ना गिला मुझको है कोई। जो दी … Read more

पूजा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* पूजा- करना पूजा ज्ञान की,मानस मान सुजान। राष्ट्र गान से वन्दना,संसद वतन विधान। संसद वतन विधान,पूज निज भारत माता। सरिता सागर भानु,धरा शशि प्राकृत नाता। शर्मा बाबू लाल,शीश चंदन रज धरना। गुण मानवता सत्य,न्याय की पूजा करना। थाली- थाली जिसमें खा रहे,करे उसी में छेद। करे परिश्रम बावरे,वृथा बहाए स्वेद। वृथा … Read more

जब तुम मुझसे बात करती थी

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* जब तुम मुझसे बात करती थी, कितना अच्छा लगता था और आज जब नहीं करती हो, तो बिल्कुल खाली-खाली-सा लगता है। मेरे बारे में तुम सब कुछ जानती थी, और इतना जानती थी जितना संसार में कोई नहीं जानता था, मेरे भाई,बहन,दोस्त,माँ-बाप कोई नहीं। मेरे सोने-जागने,उठने-बैठने,चलने-फिरने, पढ़ने-लिखने,खाने-पीने की सारी गतिविधियाँ … Read more

पत्थर की चाह

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* बैठा था मैं नदी किनारे, पीठ लगा पत्थर के सहारे एक विचार मेरे मन आया, प्रभु तेरे विधान हैं न्यारे। नदी किनारे प्यासा पत्थर, कैसे पड़ा हताशा पत्थर कहा अनुभूति की भाषा में, तू क्या लगाये आशा पत्थर। क्या है तेरी चाह बता दे, निज हृदय की थाह बता … Read more

त्योहार

वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** त्योहार ‘हार’ हैं मेरी मातृभूमि का, परिचय हैं मेरी संस्कृति का। सभ्यता के वाहक हैं त्योहार, त्योहारों से गुँथी है अनेकता में एकता। त्योहारों में घुली है प्रेम की मिठास, त्योहारों की साज-सज्जा में मिलती है मौलिक कलाओं और भावनाओं की अभिव्यक्ति, मिलती है नयी ऊर्जा होता है नकारात्मकता का … Read more