दिवाली क्या गई,जीना हराम कर गई

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** दिवाली वैसे तो खुशी का त्योहार है,हर कोई चाहता है कि, उसके जीवन में दिवाली आए,पर कुछ लोगों को लगता है कि भगवान करे इस बार दिवाली नहीं आए,क्योंकि दिवाली आने के पहले ही उनको तनाव शुरू हो जाता है,और दिवाली के बाद तो उनका जीना हराम हो जाता है। … Read more

ज्ञान का प्रतीक है प्रज्जवलित दीपक

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** दीपावली का पर्व भारतीय सनातन परम्परा का लौकिक और अलौकिक पर्व माना गया है। लौकिक स्वरूप में जहाँ खान-पान,वैभव और उत्साह का वातावरण इस पर्व को प्रमाणिकता प्रदान करता है,वहीं अलौकिक रूप में यह पर्व आत्मोकर्ष का प्रमुख पर्व है। लौकिक और अलौकिक के बीच तंत्र साधकों के लिए परालौकिक … Read more

नियम तो एक सजा है

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** हम भारत के लोग हमेशा से नियम तोड़ने में विश्वास रखते हैं। नियम में रहे तो क्या जीवन। जीवन तो अलमस्त हो,तभी मजा है। नियम तो वैसे भी गले में रस्सी जैसा होता है। साला एक सीमा में रहो,इससे ज्यादा कुछ मत करो,पर हम तो कुछ अलग करने में विश्वास … Read more

रावण ने `रक्ष संस्कृति` की स्थापना की

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** रावण को जन सामान्य में राक्षस माना जाता है,जबकि कुल,जाति और वंश से रावण राक्षस नहीं था। रावण केवल सुरों(देवताओं)के विरुद्ध और असुरों के पक्ष में था। रावण ने आर्यों की भोग-विलास वाली ‘यक्ष’ संस्कृति से अलग सभी की रक्षा करने के लिए ‘रक्ष’ संस्कृति की स्थापना की थी। इस … Read more

युग प्रेरक ग्रंथ है `महात्मायन` और `राष्ट्रमाता कस्तूरबा`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** महात्मा गांधी के व्यक्तित्व,कृतित्व और अवदान पर आज भी लेखकों की लेखनी रूकी नहीं है,कवियों और वक्ताओं की वाणी थमी नहीं है। कर्मनिष्ठा,भावनिष्ठा और त्यागनिष्ठा को चरितार्थ कर गांधी ने एक ऐसी बडी लकीर खींची है जिसे अभी तक छोटी नहीं किया जा सका है। गांधी की कथनी और करनी … Read more

`हनी` की वैतरणी

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग,और लोग क्या कहेंगे इसकी चिंता किए बगैर कुछ काम कुछ लोग कर लेते हैं,तो बाद में मुँह दिखाने के लायक भी नहीं रहते,क्योंकि जब लोग कहते हैं तो इज्जत का फालूदा ही बनता है। अब हनीट्रैप को ही देख लो, लिव इन में हनीमून … Read more

आने वाली पीढ़ी का पथ प्रदर्शित करेगी `सदी के सितारे`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सदी के सितारे डॉ. देवेन्द्र जोशी की एक विशिष्ट कृति है, जिसमें देश के २३ विशिष्ट व्यक्तित्वों पर उनके आलेख समाहित हैं। इस पुस्तक में जिन विभूतियों पर डॉ. जोशी ने कलम चलाई है,वे कहीं न कहीं भारतीय जनमानस पर अपनी अमिट छाप छोड़ते हैं। लेखक डॉ. जोशी ने अपने … Read more

हिन्दी भाषा प्रेम की…

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिन्दी है सबसे सरल,भारत की पहचान। हिन्दी भाषा में बसा,भारत का सम्मान॥ शब्द-शब्द में लोच है,अक्षर-अक्षर गोल। हिन्दी जैसा है यहाँ,दुनिया का भूगोल॥ अपनी भाषा बोलियाँ,कभी न जाना भूल। अपनी भाषा जब मिले,खिलते मन के फूल॥ भाषा का सच जानिए,यही ज्ञान का मूल। अपनी डाली छोड़कर,भटका … Read more

क्षमापना जीवन का महत्वपूर्ण कर्तव्य

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** क्षमापना पर्व ३ सितम्बर विशेष……. “मुझे क्षमा कर दीजिए,मेरी वजह से आपको दुःख पहुँचा”,यह कहना बड़े साहस का काम है। शायद इसी लिए क्षमा को वीरों का आभूषण कहा गया है। क्षमा करना उतना कठिन नहीं है,जितना क्षमा मांगना। गलती करना मानव की स्वाभाविक प्रवृत्ति है। हम सभी अहंकार या … Read more

आत्म जागरण एवं रिश्तों की मजबूती का महापर्व है पर्यूषण

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सनातन धर्म में नवरात्रि,इस्लाम धर्म में रमजान का जितना महत्व है,उसी प्रकार जैन धर्म में पर्यूषण पर्व का सबसे अधिक महत्‍व है। इस पर्व को पर्वाधिराज (पर्वों का राजा) कहा जाता है। इसे आत्मशोधन का पर्व भी कहा गया है,जिसमें तप कर कर्मों की निर्जरा कर अपनी आत्मा को निर्मल … Read more