दीप का कथन
सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** दीप का है कहना- कुम्भकार ने काया को सजाया, विश्व बाजार में बिकी काया सौदागर ने दाम लगाया, झट-पट थैले में ले आया। पुरातन समय मेरा था, घी बाती मैं पाता था करता था मैं रोज उजाला, भौतिकवाद का युग आया मानव ने मुझे क्यों भुलाया, दीपावली पर घर लाया, तेल-बाती … Read more