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केसर वाली घाटी

सुबोध कुमार शर्मा 
शेरकोट(उत्तराखण्ड)

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केसर वाली घाटी अब तक जो रक्तरंजित हुई थी,
धारा तीन सौ सत्तर जो सत्तर साल से लगी हुई थी।

इसके साए में कुछ कुपुत्र जीवन का लुफ्त उठाते थे,
आतंकी अत्याचार प्रयोग कर भोली जनता को डराते थे।

पाँच अगस्त दो हजार उन्नीस को एक नया अवतार हुआ,
परम् पक्षपाती धाराओं का अब पूरा बंटाधार हुआ।

भारत माँ अंतर से पीड़ा को नित्य प्रति सहती थी,
वह बोझ उठाती कु पुत्रों का,मुख से कुछ ना कहती थी।

विश्वास उसे था सुपुत्रों पर एक दिन वह बल पायेगा,
धारा तीन सौ सत्तर व पेंतीस को न्निश्चित ही मिटायेगा।

आशीर्वाद नरेंद्र व शाह को देती,इतिहास रचते जाओगे,
मेरा जो भूगोल बँटा था फिर से मिलाते जाओगे॥

परिचय – सुबोध कुमार शर्मा का साहित्यिक उपनाम-सुबोध है। शेरकोट बिजनौर में १ जनवरी १९५४ में जन्मे हैं। वर्तमान और स्थाई निवास शेरकोटी गदरपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड है। आपकी शिक्षा एम.ए.(हिंदी-अँग्रेजी)है।  महाविद्यालय में बतौर अँग्रेजी प्रवक्ता आपका कार्यक्षेत्र है। आप साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत कुछ साहित्यिक संस्थाओं के संरक्षक हैं,साथ ही काव्य गोष्ठी व कवि सम्मेलन कराते हैं। इनकी  लेखन विधा गीत एवं ग़ज़ल है। आपको काव्य प्रतिभा सम्मान व अन्य मिले हैं। श्री शर्मा के लेखन का उद्देश्य-साहित्यिक अभिरुचि है। आपके लिए प्रेरणा पुंज पूज्य पिताश्री हैं।

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