ओ कान्हा मेरे

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. ओ मेरे माखन चोर कन्हैया, कबसे खड़ी हूँ तेरे द्वार। मैं ही मीरा मैं ही राधा, आ सुन ले मेरी पुकार। ओ कान्हा मेरे,सुन ले मेरी पुकार… तेरी ही धुन में मस्त रही मैं, छोड़ा सभी घर-द्वार। बाँसुरी की धुन सुन तेरी, नाचूं मैं बारम्बार। … Read more

सबसे प्यारा देश हमारा

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* सबसे प्यारा देश हमारा, हम सबका अभिमान है। सबसे न्यारा देश हमारा, हम सबकी ये शान है। शत-शत नमन तुम्हें, हे देश तेरी जय हो,जय-जय हो। तेरी माटी में पैदा होकर, हम तो धन्य हुए हैं। कितने पुण्य किये होंगे, तब जन्म यहां पे लिए हैं। शत-शत नमन तुम्हें, … Read more

बुलावा

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* जब बुलावा माता का आता, हम मंदिर-मंदिर जाते हैं। पहाड़ों के हों या मैदान के, सबमें माँ के दर्शन हो जाते हैं। सुनो,जब बुलावा मेरा आया, मैं श्री केदारनाथ जा पहुंची थी। चल नहीं पाती थी दस कदम भी, वहां चौदह किलोमीटर पैदल चली थी। बगैर बुलावे के तो … Read more

अनुपम व्यक्तित्व

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* इस धरा में पैदा हुए, हैं अनुपम व्यक्तित्व जो उन्हें सलाम करते हैं हम, अपनी छाप छोड़ गए जो। है जूनून जिनमें यहां, लक्ष्य भेद देते हैं वो इस धरा की माटी में, रोज पैदा होते हैं वो। करते हैं विश्वास खुद पे, ऐसा काम करते हैं वो अब्दुल … Read more

शब्द

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* शब्दों के जब बाण चलें तो, दिल घायल हो जाता है। कैसा भी हो नेह का बंधन, आखिर वो भी टूट जाता है। शब्द हमारे होंठों से यूँ, जब हवा में लहराते हैं। कहीं पर दिल में डाका डालें, कहीं पे आग लगाते हैं। जो सोच के शब्दों को … Read more

सावन आयो रे

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* पायल छम छम संग देखो, ये सावन आयो रे। रिमझिम बारिश की बूंदों संग, ये सावन आयो रे। कारी बदरिया छाए गगन में, बादल आवारा मंडरा ये। दूर गये साजन की यादें, संग संग अपनी लाएं। ओ….ओ….ओ…. बारिश की बौछारों संग देखो, सावन आयो रे। सावन….॥ रंगे हाथ हैं … Read more

नयन से नीर

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* ख़ुशी-ख़ुशी जब गले मिले हम, तब भी बहते नयन से नीर। गम में भी तड़पें जो कभी हम, तब भी बहते नयन से नीर। ठंडी-ठंडी हवा चले जब, मन्द-मन्द मुस्काए। दिल में मचलती हैं उमंगें, नयन छलक ही जाएँ। हो मुहब्बत गर हमें उनसे, तड़पें दिन और रात। नयन … Read more

बेरोजगार

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* बोझ हूँ धरती का अब लगने लगा है। ना समय ठहरा है, मेरे वास्ते और ना दर किसी का है खुला। देखते मुझको ही, न जाने क्यों लोग सांकल चढ़ा लेते हैं, दरवाजों पर सभी। सूर्य की किरणों से तपता रास्ता चलता रहा मैं, मंजिल तक न पहुंचा मैं … Read more

एक तेरा साथ

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* एक तेरा तो साथ मुझे ही, सारे जहां से प्यारा है। रूह का रिश्ता हम दोनों का, इसीलिए तो न्यारा है। हर पल-हर क्षण ध्यान में रहते, चलते-फिरते साथ में रहते। कहां अलग तुम मुझसे जानम, दिल की धड़कन में हो रहते। रब ने बनाया है तुझे मेरे लिए, … Read more

चाँदनी

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* तुम चाँदनी में नहा करके आई हुई हो, ख़ुदा की कसम क्या गज़ब ढा रही हो। गालों को चूमें ये जुल्फें जो तेरी, हौले से इनको हटा क्यों रही हो। दीवाना हूँ मेँ इन आँखों का तेरी, पलकों का पनघट छुपा क्यों रही हो। है चाँदनी-सा शीतल ये रूप … Read more