अब बदल रहा है वो

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** आखिर अब खुद को बदल रहा है वो, गिर उठ गिर फिर संभल रहा है वोl मौसम का मौसम बिगड़ रहा है अब, और काँटे भरे रास्तों पर चल रहा है वोl हिम्मत अब उसकी और बढ़ती जा रही है, खयालों से सवाल कर आजकल रहा है वोl हवाओं को … Read more

ताने कस रहा है वो…

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** मुझ पर ताने कस रहा है वो, मेरे जख्मों पर हँस रहा है वो। गुरुर की नाव में सवार होकर चला था, अब बीच मझधार में आकर फँस रहा है वो। बड़ा होकर बदल जायेगा,ये भरम था मेरा, आसमां में उड़ने की जगह जमीं में धंस रहा है वो। आँखों … Read more

कितने हो निर्लज्ज बताओ…

प्रियांशु तिवारी ‘सागर’ कटनी(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** जब बंटवारा हुआ देश का,पूरा भारत रोया था, कुछ लोगों की नाकामी पर रात-रात न सोया थाl दिन का चैन-रात की नींदें छीन विदेशी चले गये, और हमारे भारत के नेता जी सारे छले गयेl चले गये अंग्रेज़ी लेकिन अपना भारत तोड़ गये, जाते-जाते इस भारत में धर्मवाद वो छोड़ … Read more

समंदर कभी रोया नहीं करते

दिप्तेश तिवारी दिप रेवा (मध्यप्रदेश) **************************************************** काँटे हों हजारों मंजिलों की राह पर,यूँ घबराया नहीं करते, और पुरुष जो वीर होते हैं,यूँ मुश्किलों में हारा नही करते। न तेरे-न मेरे,यूँ वक्त तो नही किसी के हाथ में, जब मिले मौका तो लक्ष्य भेदो,यूँ मौके बार-बार नहीं मिलते।   कर्मयोगी कर्म से साधता है पर्वतों,चट्टानों को, हाथ … Read more

ये वहम तुम्हारा अहम है

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** सिर्फ हम ही हम हैं, ये वहम तुम्हारा अहम है। आसमां में उड़ रहे हैं वो, जिनके लिए जमीं कम है। पिता सबसे अनमोल है जग में, बाहर से कठोर,अंदर से नरम है। तुम्हारे भाग्य का भागकर आएगा, मेहनत जी तोड़ करो,बाकी सब भरम है। अपना हर कदम मजबूती से … Read more

नजर में फिर नजर नहीं आया

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** नजर में फिर नजर नहीं आया नजर लगाने वाला, आख़िर पकड़ा गया वो दरिंदा शहर जलाने वाला। खुद को खुदा मानकर बिना खौफ के जीने वाला, मर गया एक दिन फिर खुद को खुदा बताने वाला। भरोसा उसका भी टूटा,जो कभी भरोसे की मिसालें देता था, नींद से जाग ही … Read more

प्यार हुआ है मुझे

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** अजब-सा नशा छाया है और खुमार हुआ है मुझे, लो अब मैं चीख़कर कहता हूँ प्यार हुआ है मुझेl रातभर अब करवटें बदल कर सोने लगा हूँ, हाँ,अब उसका बनकर उसमें ही खोने लगा हूँl बेचैन रहती है नज़रें मेरी तुझे देखने की खातिर, इश्क़-ए-सफ़र के सफ़र का हूँ मैं … Read more

बेवक्त में सहारा नहीं मिलता

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** हर गली में शिवाला नहीं मिलता। रौब वाला दुशाला नहीं मिलता। खोजने से उजाला नहीं मिलता। भूख मे हो निवाला नहीं मिलता। यूँ ठिकाने बहुत मिल गये होंगे, बेवक्त में सहारा नहीं मिलता। भीड़ के बीच हों हम हजारों के, डूबते को किनारा नहीं मिलता। दम भरें हम सभी हैं … Read more

बैंगनी फूलों वाला पेड़

डॉ.स्वाति तिवारी भोपाल(मध्यप्रदेश) ********************************************************** चाणक्यपुरी वाला हमारा सरकारी बंगला,जहां दिल्ली,दिल्ली है ऐसा कम ही लगता। साफ-सुथरा वीआईपी एरिया। इतनी हरियाली दिल्ली के किसी और इलाके में शायद ही देखने को मिले। हमारे घर के सामने तो जैसे सघन अशोक वाटिका ही बनी थी। यह एक हरा-भरा सरकारी बगीचा है। बगीचे में तमाम तरह के पेड़-पौधे … Read more

पेड़ लगाओ-जीवन बचाओ

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** प्रकृति को सहेजने को अब सब मिल के तैयार हों, विनाश ना हो प्रकृति का,यह प्रयास बार-बार होंl जागो सभी बचाओ अब इस सृष्टि के आधार को, पेड़ लगाओ और बचाओ जीवन और संसार कोl पेड़ कट रहे हैं अंधाधुंध अब तेजी से चहुंओर, जंगल करके साफ फैक्ट्रियां लगाने में … Read more