दीपक

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** तम से लड़ा प्रतिपल रहा,चुपचाप दीपक जल रहा। लूटा उजाला जग सदातल तम समेटे ढल रहा। हो थरथरी लौ पुंज मेंछाया तनिक हलचल रहा। आलोक दे ले कालिमासंभल हवा अविचल रहा। बाती रहे तक की वफाना साथ बिन क्षण भर रहा॥ परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप … Read more

मानवता के दुश्मन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** कुछ आग लगा देश यहाँ फूँक रहे हैं,भ्रम खेल रहे,रोज खड़े भौंक रहे हैं। वे मानवता के बन दुश्मन दर्द बेचे,सेवा कर इंसान कई जूझ रहे हैं। सच गठ्ठर बंधा नाले पड़ा रोय कहीं पर,इतरा कर बन काबिल चल झूठ रहे हैं। गंगा में दिखे लाश कहीं लाश में गंगा,जो सोच वही बोल … Read more

बचा रहे अस्तित्व

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** बचा रहे अस्तित्व स्वयं का,पड़ी सभी को अपनी-अपनीहम एक-दूजे से सभी जुड़े,साथ-साथ रह जिंदगी कटनी। मेल-जोल जब सब सोच रखें,‘मैं’ की पोटली खोल भी दे‘हम’ की प्रेम धार बहे तो,सहअस्तित्व तुला तोल भी दे। सुख-दु:ख नित साथ हो जाते,दुःख हो जाते आधे-आधेमानव जीव प्रकृति सब पूरक,मिल रह ना,जा भागे-भागे। मेरा अस्तित्व तू बचा … Read more

पवित्र बंधन बँधे सभी

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** है दादी की दुआएं दादा का दुलार है,पापा के स्नेह दबदबे मम्मी का प्यार हैघर एक मंदिर पवित्र बंधन बँधे लोग सभी,प्यारा निराला होता सभी घर-परिवार है। बड़े भैया की घुड़की नेह भरी फुहार है,छोटे भाई झूठी लड़ाई जां निसार हैमंझले भाई की तिरछी नजर ताड़ बातें,दीदी की मीठी चपत छोटी की मनुहार … Read more

एहसासों की रंगोली

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** फूलों से कुछ रंग चुराकर,मांग ली सूरज से लाली।मोरपंख तूलिका सतरंगी,आ तस्वीर बनाएं आली। कोयल की हम कुहुक उतारे,झरने का संगीत उकेरे।पत्तों से छन-छन कर आती,उपवन की वह धूप घनेरे।नृत्य दीप करते पलकों पर,एहसासों की मना दिवाली।आ तस्वीर बनाएं आली॥ भँवरे से गुंजन उतार कर,हिरनी के ले नयना चँचल।नीरजा की कमनीयता ले,पवन से … Read more

फिर एक खुशनुमा सुबह होगी

डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)*********************************** अभी दिन नहीं निकला,चिड़िया चहचहा उठी। उनके शोरगुल से आँगन,में बिस्तर से दौड़कर मैंबाहर आ गई। बहती हुई ठंडी हवा,तीन-चार गिलहरियांदौड़कर पेड़ पर चढ़ गई। दोनों पालतू पिल्ले कभी,गिलहरियों को तो कभीपानी पीती चिड़ियों को,मेरे साथ साथ देखते रहे। मैं लंबी साँस लेती,और एक खुशबू से सराबोरहवा को पीती,हरे-भरे पेड़-पौधों को देखती … Read more

सपनों की राजकुमारी

वर्षा तिवारीमुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************** एक लड़की को मैंने अभी-अभी देखा है,ना जाने क्यों दिल में कुछ-कुछ हुआ है। मेरे पास से वह गुजरी है,दिल में अजब-सी हलचल हुई हैरोज सपनों में मिलती है जो,शायद यह वही राजकुमारी है। गुलाबी उसके होंठ हैं,रेशमी उसके बाल,रंग है उसका गोरा,नागिन जैसी चालचले वो तो उड़े खुशबू,मुस्कुराए तो बिखरे मोती,किसी ने … Read more

साहित्य के शलाका पुरुष डॉ. प्रभाकर माचवे

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ परम्परागत कविता से आगे नए विषय,नई भाषा,नए भावबोध और अभिव्यक्तियों के साथ ही प्रयोगवाद के बाद हिंदी कविता में ‘नयी कविता’ की शुरुआत हुई। इसमें नए मूल्यों और नए शिल्प-विधान का अन्वेषण किया गया। प्रभाकर माचवे इसी ‘नयी कविता’ की धारा के ही कवि रहे हैं।अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान डॉ. … Read more

समझ ही लेती हो अनकही बातें

डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)*********************************** माँतुम्हारे लिए,मेरे पास शब्दों से परे थी भाषाआज भी वैसी ही है भाषा,इतनी बातों के दरम्यानतुम समझ ही लेती हो,मेरी अनकही बातें। आज भी मैं ठिठक कर कहूँ कुछ भी,तुम्हारे पास मेरी बात का जवाबतैयार रहता है,मेरे साथ हुए धोखे-फरेब का समाधानभी तुम्हारे पास पहले से रहता है। घावों पर कौन सा … Read more

अमरलता

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** होती गर मैं अमर-लता तोहाथ हजार बनाती।बीते दिन जो प्यारे सुंदर,वापस मैं ले आती॥ रोग शोक को दफना देती,साँस-साँस महकाती।जीवन कीच हटा दुनिया की,सरसिज ताल खिलाती॥ ले कर हर आँख से आँसू,अमृत बना बरसाती।प्यासे को पानी बन जाती,बेघर महल बनाती॥ बन होंठों की मीठी लोरी,चाँद झूले लगाती।हर सपने सलोने पँख लगा,धरा फूलों सजाती॥ … Read more