आचार्य द्विवेदी का संपूर्ण साहित्य मानव की प्रतिष्ठा का प्रयास

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ जिसमें सारे मानव सभ्यता को सुंदर बनाने की कल्पना की जाती है,उसे ही तो साहित्य कहते हैं। साहित्य की हर महान कृति अपनी ऐतिहासिक सीमाओं का…

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साहित्य के शलाका पुरुष डॉ. प्रभाकर माचवे

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ परम्परागत कविता से आगे नए विषय,नई भाषा,नए भावबोध और अभिव्यक्तियों के साथ ही प्रयोगवाद के बाद हिंदी कविता में 'नयी कविता' की शुरुआत हुई। इसमें नए…

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केदारनाथ सिंह की काव्य संवेदना-विविध पक्ष

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ केदारनाथ सिंह के काव्य में पर्यावरणीय चिंता, प्रकृति और जीवन के उल्लास का अहसास तो है ही,हिंदी काव्य धारा में गीतकार के रूप में कवि जीवन…

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‘धूमिल’ का काव्य संसार-भाषा और शिल्प की नई जमीन

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ धूमिल ने समाज में स्थित बेकारी,दारिद्र्यता, सामाजिक अनिष्ट रूढ़ियाँ,नारी विषयक दृष्टिकोण, दलितों की स्थिति अनेक समस्याओं से ग्रस्त ग्रामीण जीवन आदि अनेक समस्याओं को अपने काव्य…

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‘मुक्तिबोध’ का काव्य संसार और आलोचना के मापदण्ड

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ कार्लमार्क्स की साम्यवादी विचारधारा ही मार्क्सवादी विचारधारा कहलाई। वे एक वैज्ञानिक समाजवादी विचारक थे। वे यथार्थ पर आधारित समाजवादी विचारक के रूप में जाने जाते हैं।…

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