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सपनों की राजकुमारी

वर्षा तिवारी
मुम्बई(महाराष्ट्र)
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एक लड़की को मैंने अभी-अभी देखा है,
ना जाने क्यों दिल में कुछ-कुछ हुआ है।

मेरे पास से वह गुजरी है,
दिल में अजब-सी हलचल हुई है
रोज सपनों में मिलती है जो,
शायद यह वही राजकुमारी है।

गुलाबी उसके होंठ हैं,रेशमी उसके बाल,
रंग है उसका गोरा,नागिन जैसी चाल
चले वो तो उड़े खुशबू,मुस्कुराए तो बिखरे मोती,
किसी ने सच कहा था-परीयाँ ऐसी ही हैं होती।

लोग कहते हैं-चाँद का टुकड़ा है वो,
मैं कहता हूँ चाँद टुकड़ा है उसका
मिल जाए जिसको वो,
जीवन स्वर्ग है उसका।

बंद था अब तक जो दिल का दरवाजा,
उसे वो खोल गई
अनजान था मैं आज तक प्यार से,
प्यार से रिश्ता वो मेरा जोड़ गई।

जबसे देखा है मैंने उसको,
ना जाने मुझे क्या हो गया है।
मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दिया,
लगता है मुझे भी प्यार हो गया॥

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