कुल पृष्ठ दर्शन : 196

You are currently viewing फिर एक खुशनुमा सुबह होगी

फिर एक खुशनुमा सुबह होगी

डॉ.हेमलता तिवारी
भोपाल(मध्य प्रदेश)
***********************************

अभी दिन नहीं निकला,
चिड़िया चहचहा उठी।

उनके शोरगुल से आँगन,
में बिस्तर से दौड़कर मैं
बाहर आ गई।

बहती हुई ठंडी हवा,
तीन-चार गिलहरियां
दौड़कर पेड़ पर चढ़ गई।

दोनों पालतू पिल्ले कभी,
गिलहरियों को तो कभी
पानी पीती चिड़ियों को,
मेरे साथ साथ देखते रहे।

मैं लंबी साँस लेती,
और एक खुशबू से सराबोर
हवा को पीती,
हरे-भरे पेड़-पौधों को देखती रही।

बैठे हुए बहुत देर हो गई,
रोज कोई न कोई दुखद खबर
मिल जाती,
तो कहीं अच्छी खबर भी
आ जाती।

कोई इस जहां को छोड़ गया,
तो कोई अपनों के बीच
फिर आ गया।

कभी-कभी लगता कितनी,
अधूरी-सी हो गई जिंदगी ?
लोगों को देखे बगैर,
जैसे एक उमर बीत गई।

कभी ऑफिस जाना हो,
तो कार धीरे चलाती
लोगों को अपने काम पर,
जाते भागते दौड़ते देखती।

रास्ते में मिलते कुत्ते,गाय,बैल
बिछड़े हुए मीत लगते।

फिर घर आते ही एक डर,
दबोच लेता मुझे।

साबुन,शैंपू के साथ गर्मी में भी,
गरम पानी की बौछारें
न जाने कितने डरों के साथ,
खुद को बहते देखती रहती।

फिर जकड़ लेती वही उदासी,
और एक छोटे से सुख के साथ
एक बड़े से डर को ओढ़ लेती।

कहीं भागने का मन होता,
पर कहां ???
सब जगह पसरा पड़ा सन्नाटा,
रिश्तों में अजीब-सी दूरी ले आया।

अपने भी अपने नहीं लगते,
इस वक्त ने तो रिश्तों को
बेपर्दा-सा कर दिया,
एक खुशफहमी को अचानक
गलतफहमी में बदल दिया।

अब किसी रिश्ते से बात,
करने का मन ही नहीं होता।

अजनबी लोगों के फोन आते,
वो अपनी उदासी अपने डर
साझा करते,
अपनी बीमारी को ऐसे पूछते
जैसे मुझसे बात करते ही,
बीमारी भाग जाएगी।

उनके विश्वास के आगे,
मैं अपनी पीड़ा भूल जाती
और उन्हें परामर्श देते-देते,
लगता जैसे मेरी उदासी
भी मुझसे रूठ गई।

मैं रोज कितनों को ठीक करती,
अब तो मुझे भी गिनती भूल गई।

कल फिर सुबह होगी,
और फिर चिड़ियों,गिलहरियों के
हल्ले-गुल्ले में फिर से जिंदगी,
चल पड़ेगी।

कभी तो इस उदास शाम,
और थकी-सी रात का इलाज होगा।
कभी तो फिर,
एक खुशनुमा सुबह होगी॥

परिचय-डॉ.हेमलता तिवारी का जन्म १४ नवम्बर १९६५ को सागर में हुआ हैL वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में निवास है,जबकि स्थायी पता भोपाल(मध्य प्रदेश) हैL बी.एस-सी,(जीवविज्ञान)बी.ए.(संगीत), एम.ए (संगीत, इतिहास, दर्शन,लोक प्रशासन,एजूकेशनल सायकोलॉजी, क्लीनिकल साय.,आर्गेनाइजेशनल साय.)एल.एल.बी.,पी.जी.डी.(लेबर लॉ एंड इण्डस्ट्रियल रिलेशन)सहित पी.एच-डी.(इन क्लीनिकल साय.), एम.बी.ए.(वित्त और मानव संसाधन) की शिक्षा प्राप्त डॉ.तिवारी का कार्य क्षेत्र-नौकरी हैL सामाजिक गतिविधि के तहत आप व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षक,परामर्शी सहित ज्योतिष लेखन में सक्रिय हैंL इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी एवं आलेख हैL हिन्दी सहित अंग्रेजी का भाषा ज्ञान रखती हैं।

Leave a Reply