मेरा सम्मान है हिन्दी

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. मेरा गौरव मेरा मान, मेरा सम्मान है हिंदी। मेरे संस्कारों में बसी, मेरा अरमान है हिंदी। कबीर वाणी में निखरी, नीति का गान है हिंदी। तुलसी-चौपाई में समरसता का अदभुत बखान है हिंदी। सूर-पदों में प्रभु-लीला का, मधुर गान है हिन्दी। अनुपम भक्ति में बसती, रस … Read more

वर्षा सुन्दरी

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** रिमझिम-रिमझिम बरस रही यह,प्यारी बरखा रानी है, निर्मल-निर्मल पावन-पावन,लगती बड़ी सुहानी है। नभ में छायी घोर घटाएं, बदरवा कजरारे हैं। मोर पपीहा बोले वन में, आज मगन मन सारे हैं। मन-मयूर नर्तन करता अब,कोकिल-स्वर में वाणी है, हृदय डोल रहा है मेरा,करने को मनमानी है। आसमान से उतर रही है, … Read more

बरसात

तृप्ति तोमर `तृष्णा` भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* बरसात प्रकृति का हसीन एहसास, जैसे दुनिया के खुशी के पल हों पास। पायल की झनकार-सा रोचक-सा संगीत, जैसे इस सुहाने मौसम में मिला हो मनमीत। रंग-बिरंगी फिजाओं से घिरा हो चमन, अपनी अठखेलियों से मनमुग्ध है गगन। रिमझिम बूदों से धरती ने दुल्हन-सा रूप सजाया, जैसे हर ओर खुशियों … Read more

जब-जब हानि धर्म की होती

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. जब-जब हानि धर्म की होती,मोहन मेरे आते हो, धर्म-कर्म की परिभाषा को,गीता में समझाते हो। भारतमाता तुम्हें पुकारे, गिरधर मेरे तुम आओ। मानव मन-सरवर में आ तुम, प्रेम-जलज सरसा जाओ। गुलशन सारा इन पुष्पों से,तुम ही तो महकाते हो, जब-जब…ll धरा अनूठी भारत भूमि, अखण्ड संस्कृति … Read more

कश्मीर की घाटी

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कश्मीर की घाटी में,फिर से खुशहाली छायी है, फूल-फूल है खिला हुआ,अब कली-कली मुस्कायी है। आतंकी साये में पलती, खून से लथपथ माटी थी। शत्रु की चालों में ढलती, मानो उनकी थाती थी। अब दुश्मन की खैर नहीं,उसने तो मुँह की खायी है। कश्मीर की… सत्तर वर्षों की कैद से, … Read more

श्रद्धा-सुमन

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. भुला नहीं पायेंगे हम सब, वीरों की कुर्बानी को। देश-हित जो किया समर्पित, उस अनमोल जवानी को। खून-खून कतरा तुम्हारा, काम देश के आया है। जन-ज़न के मानस में बनकर, अमर-प्रेम वह छाया है। मातृभूमि यह धन्य हुई है, तुम जैसे पाकर के लाल। तुम्हारी … Read more

माली

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** हरे-भरे उपवन,खिलखिलाते पुष्पों, मुस्काती हुई कलियों और फलों से लदे वृक्षों को देखकर रामचरण असीम आनन्द की अनुभूति कर रहा था।भावनाएं मन में हिलौरे ले रही थी-“आज मेरा स्वप्न पूरा हो गया,अब मैं इन वृक्षों की छाया में बैठकर आराम से जीवन व्यतीत करूंगा। अचानक बेटे की कर्कश ध्वनि सुनाई … Read more

मौसम

तृप्ति तोमर  भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* तीन ऋतु से मिलकर बना मौसम, जिसमें होता सभी लहरों का संगम। इसमें है बहती हवा का मंजर, जिससे आनंदित होता है सारा शहर। कभी है सूखा पतझड़ तो कभी है सावन, कभी है पत्तों की झरझर तो कभी हवाओं की सनसन। चारों दिशाओं में फैली हवाओं की खुशबू, जिसमें … Read more

अलकनंदा

तृप्ति तोमर  भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* नील रंग लिए बहती अलकनंदा, जैसे खुले आकाश में पंख फैलाने कोई परिंदा। भागीरथी संग मिल बना पवित्र संगम, असंख्य श्रद्धालुओं का होता समागम। अलकनंदा पावन धरती पर पावन नदी का महातम, अनेक पवित्र नदियों का यहां से होता उदगम। यहाँ कई लोगों का जुड़ा है विश्वास, जहां जाने से … Read more

दोहरी जिंदगी

तृप्ति तोमर  भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* हर कोई है जी रहा लिए दोहरे रूप, हर इंसान का बदला हुआ है स्वरूप। हर रिश्ते से खेल रहा इंसान, बिक गया सबका ईमान। जार-जार हो रही मासूमियत, शर्मशार हो रही है आज इंसानियत। हर शख्स ने पहना है नकाब, इस मसले का नहीं है कोई जवाब। सबकी जिंदगी … Read more