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मौसम

तृप्ति तोमर 
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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तीन ऋतु से मिलकर बना मौसम,
जिसमें होता सभी लहरों का संगम।

इसमें है बहती हवा का मंजर,
जिससे आनंदित होता है सारा शहर।

कभी है सूखा पतझड़ तो कभी है सावन,
कभी है पत्तों की झरझर तो कभी हवाओं की सनसन।

चारों दिशाओं में फैली हवाओं की खुशबू,
जिसमें होता हर शख्स खुद से रूबरू।

कभी बहते पानी की कलकल,
तो कभी पंछियों की कलरव।

प्रकृति के हर रूप से सजता मौसम,
हर तरह के रुप को समेटे हुए है दिलकश मौसम॥

परिचय-तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं।यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। आपका  साहित्यिक उपनाम-तृष्णा है। जन्मतिथि २० जून १९८६ एवं जन्म स्थान-विदिशा(म.प्र.) है। वर्तमान में भोपाल के जनता नगर-करोंद में निवास है। प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है। एम.ए. और  पीजीडीसीए शिक्षित होकर फिलहाल डी.एलएड. जारी है। आप अधिकतर गीत लिखती हैं। एक साझा काव्य संग्रह में रचना प्रकाशन और सम्मान हुआ है। 

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