स्वाधीन भारत बनाम रक्ष्य वचन पर्व

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** थाल सजाकर बहन कह रही,आज बँधा लो राखी। इस राखी में छुपी हुई है,अरमानों की साखी॥ चंदन रोरी अक्षत मिसरी,आकुल कच्चे-धागे। अगर नहीं आए तो…

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