उठो,चल पड़ो लेकर प्रभु का नाम

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** बहुत पढ़ लिया इतिहास,अब रचने की बारी है, कहानी,कविताएं नहीं,कुछ करने की बारी है। आओ आज फिर से एक बात नई करें हम, और इस जीवन को सुंदर बना जाएं हम-तुम। आज सोच बदलने की जरूरत आन पड़ी है, केवल भाषणबाजी से बात कहाँ जान पड़ी है। जान देने की ऋतु … Read more

बेटी बाबुल की

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** आज कितनी मासूम कोमल कली का जन्म हुआ, देखो इस जहाँ में जैसे देवी का अवतरण हुआ। नेक भली,और भोली-भाली,वह बहुत ही थी निराली, आज देख लगता था,सुखमय सारा संसार हुआ। नन्हें-नन्हें,हाथ-पैरों में,एक जैसे रौनक थी, मुख से बोल रही मानो,दिल की फुलझरी थी। देख इसे आज डाली का आँचल चौड़ा … Read more

बचा लो पुरूषत्व का नाम

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** बन कर बेटी जन्म लिया, क्या गुनाह कर लिया। जिंदगी मुझसे रही, औरों को मैंने जीवन दिया। फिर क्यों समाज नहीं लेता, मुझको जीने नहीं देता। हर वक्त मार देता है, या गलत कुछ करता है। फूलों-सी कोमल प्यारी मैं, मुझे मसलने बेताब होता। क्यों ऐसा जुल्म ढाकर भी, यह ऊंचा … Read more

भाई स्नेह की डोर

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** भैया पिता का रूप है, माता का स्वरूप। भाई से खुशियां मिलती, भाई स्वागत द्वार। भाई अच्छा मित्र होता, भाई से बढ़ कर कोई नहीं यह सुंदर,सुगंधित इत्र। भाई-बहन का पावन रिश्ता, दोनों स्नेह की डोर। आओ आज मिलकर मनाएं, प्यारा यह त्यौहार। इस दिन मिलती हमें, सबसे प्यारी खुशियां अपार॥ … Read more

बेटी हूँ तो क्या हुआ…

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** और मैं जी गई, खुशियां ढेरों मुझसे समाई गमों से दूर हो आई। अपने मुकद्दर को खुद मैं लिखती आई, और मैं जी गई। मुसीबत में ना घबराई, तनिक भी ना अकुलाई। सारे जमाने के अंदर, कली बन कर मुस्कुराई और मैं जी गई। लता कोमल बनकर आई, सहारे से तन … Read more

हिंदी मेरी भाषा

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** सोचता हूँ तो गर्वित होता, मैं इसी सोच में रहता। भरती मन में जो है आशा, देती कभी ना हमें निराशा। वह कोई और नहीं है, प्यारी मेरी है हिंदी भाषा॥ स्वयं माँ शारदा के मुख से निकली, ब्रह्मा के मन में है उपजी। बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने गाई, इसकी महत्ता … Read more

शिक्षक कितना महान

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……………… शिक्षक कितना महान, देख तेरी हस्ती को,तू पहचान। नन्हें-नन्हें बच्चों को किस तरह सिखाता है, जीवन पथ पर किस तरह चलना बतलाता है, अपने-आप में रखकर स्वाभिमान पढ़ा कर औरों का बना तू जीवन। सबसे अच्छा,सबसे प्यारा, यह तेरा कर्म है, इतने पदों पर जा बैठते,वही तेरा धर्म … Read more

विरह

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** आज दो अश्क नैनों से लिए जाते हो, तन्हा किसके भरोसे यूँ छोड़ आते हो। जब तक था साथ,लबों पर हँसी थी, आज सारी दुनिया में खो गई खुशी थी। क्यों हमें इस तरह गम दिए जाते हो, साँसों की डोर छोड़,कह देते हो। एक प्यार ही तो मांगा था मेरे … Read more

आज हम ना संभले तो..

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** जीवन को थोड़ा मथ ले, जितना प्यारा बचपन बीता उतना भविष्य भी हाथ ले। हम रहें या ना रहें, नाम हमारा रहेगा इस जग में क्या कर गये, यहां काम तुम्हारा रहेगा। बचा लो अपना वतन, बिक रहा जो घोटाले में। खुद मिटा रहा मानव, अपनी ही है संस्कृति। पानी के … Read more