प्रारंभ जिंदगी का
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** जग में आकर जीव को,नूतन हो आभास।नवजीवन नव जगत में,नव आशा विश्वास।नव आशा विश्वास,नया घर नव संरचना।नव विचार,आचार,कर्म,विद्या नव रचना।नव समाज नव धर्म,विधाता धरता है पग।सीख-सीख अनुभव,लेकर पथ चलता है जग॥ मधुर सरस जीवन लिए,माँ की कोख समाय।प्रेम दया करुणा भरे,माँ से ममता पाय।माँ से ममता पाय प्यार की मीठी भाषा।सीखे … Read more