रिश्तों का कारवाँ
विद्या होवालनवी मुंबई(महाराष्ट्र )****************************** विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. रिश्तों का कारवाँ उम्रभर ऐसीराह चलता रहा,हर मोड़ परबंधनों में उलझता ही रहा।जीवन की हर डगर में अपनों सेअपनापन पाए बिना जूझता ही रहा,मोहब्बत और नफरत कीकरवटें बदलता ही नजर आया।स्वार्थ और मतलबी अनबन मेंभरोसे का दर्पण टूटता रहा,अपेक्षाओं की लहरों मेंजज्बातों का किनारा लगता ही … Read more