बच्चे मन के सच्चे
विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** बच्चे मन के सच्चे होते, कितने अच्छे,प्यारे लगते। पंछी से ये उड़ते रहते, खेलते-कूदते मस्ती करते। इनके अंदर ईश है बसते, ईश भी स्वयं…