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कोई साथ नहीं देता है

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’
इन्दौर(मध्यप्रदेश)
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मुसीबत में कोई किसी का साथ नहीं देता है,
हालात होते हैं जब खराब,कोई मदद का हाथ नहीं देता है।

खुशी बांटने हर कोई चला आता है,
गमों में मुस्कुराहट जो लाएं,ऐसा कोई साथ नहीं मिलता है।

तन्हा ही कट जाता है सफ़र जिंदगी का,
जिंदगीभर जो साथ रहे, वो शख़्स नहीं मिलता है।

खुद के अक्स से भी डर-सा लगने लगता है,
फिर तन्हाई को रोशन जो कर जाए,वो प्रकाश नहीं आता है।

किस पर करे ऐतबार और किसे दिल की अपनी कहें,
जो दिल को बहला जाए,वो साज नहीं मिलता है।

हर कोई बस ढूंढता है कमियां ही कमियां,
कोई अच्छाई भी बताए,वो हमदर्द नहीं मिलता है।

बेरंग-सा लगने लगता है जहां सारा का सारा,
फिर कोई नया रंग भर दे ‘विनोद’,वो चित्रकार नहीं मिलता है॥

परिचय-विनोद कुमार सोनगीर का निवास मध्यप्रदेश के इन्दौर जिले में है,पर स्थाई निवास मंडलेश्वर में है। साहित्यिक उपनाम-कवि विनोद से पहचाने जाने वाले श्री सोनगीर की जन्म तारीख १ जुलाई १९८२ है। इनको भाषा ज्ञान-हिंदी व इंग्लिश का है। बी.एससी.(जीव विज्ञान),एम.ए.(समाज शास्त्र),एम.एससी.(रसायन) सहित डी.एड. और सी.टी.ई.टी. तक शिक्षित होकर कार्य क्षेत्र में शासकीय सेवक (शिक्षक)हैं। आप सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत पर्यावरण सुरक्षा,बालिका शिक्षा हेतु सदैव तत्पर हैं। कवि विनोद की लेखन विधि-गीत,ग़ज़ल, लेख और कविता है। कईं पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाओं को स्थान मिला है। प्राप्त सम्मान तथा पुरस्कार निमित्त आपको शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु व संगठन हित में सक्रिय भूमिका हेतु कर्मचारी संगठन से सम्मान,शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा हेतु ग्राम पंचायत उमरीखेड़ा द्वारा सम्मान आदि हासिल हुए हैं। विशेष उपलब्धि-उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित होना है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-लेखन के माध्यम से सभी का शुद्ध मनोरंजन करना,व समाज को नई दिशा प्रदान करना है। आपकी नजर में पसंदीदा हिंदी लेखक सभी हैं,तो प्रेरणापुंज-डॉ.राहत इंदौरी हैं। इनकी विशेषज्ञता-श्रृंगार,हास्य, व्यंग्य और वीर रस पर लेखन की है। देश और हिंदी भाषा के प्रति अपने विचार-“देश में हिंदी साहित्य के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार अत्यंत आवश्यक है। हिंदी भाषा को इंग्लिश से बचाने के लिए साहित्य का प्रसार अत्यंत आवश्यक है।” कवि विनोद के जीवन का लक्ष्य-श्रेष्ठ कार्य सतत करते रहना है।

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