प्रेमचन्द श्रद्धा-सुमन
योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* मुंशी प्रेमचन्द जयन्ती(३१ जुलाई) विशेष….. धन्य हुआ वह जीवन,जिसने परखा जीवन-संवेदनाओं को छूकर,दिखाया वेदनाएं अंतर्मन;अंतस्थल से खींच-कर,लाया नोंक अपनी कलम। धन्य हुई वह धनपत,नबाब राय की कहानी,प्रेमचन्द रूप में जिसकी,सूरत गई पहचानी;धन्य हुआ वह अजायब,अजायब की निशानी। आठ वर्ष की मातृछाया,बाद की परेशानियाँ,उर्दू-फारसी छात्र-जीवन,दे गई उर्दू कहानियाँ;मनोरंजन से ऊपर … Read more