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पर्यावरण सुधार लो

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष……..


पर्यावरण सुधार लो,आओ पेड़ लगाय।
तभी धरा सुन्दर लगे,मन हर्सित हो जाय॥

जीवन इनसे है जुड़ा,इनसे है संसार।
इक-इक पौधा रोप लो,पर्यावरण सुधार॥

हरी-भरी हो ये धरा,सुन्दर दिखे जहान।
पर्यावरणी सोच हो,भारत बने महान॥

देख प्रदूषण रोकता,वृक्ष लगे भरमार।
शुद्ध हवा पानी मिले,जीवन का आसार॥

वृक्ष नहीं जीवन नहीं,सुन लो मित्र सुजान।
दुहराओ संकल्प को,जतन करो सम्मान॥

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