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वो सात दिन…

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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जब देखा वो लाल खून,
खेलते हुए हो गयी सुन्न।

उम्र तेरह की थी दहलीज,
बचपन का पहना था ताबीज।

अनजान थी,क्या है यह सात दिन ?
समाज मानता है जिसे हीन।

कोई कहता है छूना मत,
इसके बहने से मिटता है सत।

इसकी अशुद्धता है भ्रम
अंधविश्वास में पहला है इसका क्रम।

जनन का है कारण,
इससे होता है संसार का तारण।

जब यह बहता है खून लाल,
तब जन्‍म लेता है तुम्हारा लाल।

यह मेरे शरीर का है अंश,
जिससे चलता है तुम्हारा वंश।

आज इसके आने पर होता है गर्व,
इसका सम्मान करती हूँ मान कर पर्व॥

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl

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