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भक्तिकाल के कवि महान

रोशनी दीक्षित
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)
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महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष

(तर्ज-मंगल भवन अमंगल हारी…)

हृदय में जिनके राम का वास,
रामबोला वो तुलसीदास।
भक्तिकाल के कवि महान,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll

आत्माराम पिता,माता हुलसी
श्रावण सप्तमी जन्मे तुलसी।
जन्म समय ३२ थे दाँत,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll

छवि देख पितु हुए भयभीता,
बालक अदभुत होत प्रतीता।
कद काठी नहीं शिशु समान,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll

देख पुत्र मन अशंका जाने,
दासी संग तब दिए पठाने।
शोक में त्यागे माँ ने प्राण,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll

दासी की मृत्यु के साथ,
हो गए तुलसी पुनः अनाथ।
दर-दर भटकें कोई न आस,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll

शिव-गौरा ने दया दिखायी,
नरहरिदास से भेंट करायी।
शिक्षा दीन्हें नरहरिदास,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll

बाल्यकाल की कथा सुनायी,
जिनके हृदय बसे रघुरायी।
रच गए जो रामचरित मानस,
वो थे महाकवि तुलसीदास।
राम सिया राम सिया राम,
राम सिया राम सिया राम…ll

परिचय-रोशनी दीक्षित का जन्म १७ जनवरी १९८० को जबलपुर (मप्र)में हुआ है। वर्तमान बसेरा जिला बिलासपुर (छत्तीसगढ़) स्थित राजकिशोर नगर में है। स्नातक तक शिक्षित रोशनी दीक्षित ने एनटीटी सहित बी.एड. एवं हिंदी साहित्य से स्नातकोत्तर भी किया है। इनका कार्य क्षेत्र-शिक्षिका का है। लेखन विधा-कविता,कहानी,गज़ल है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-हिन्दी भाषा का प्रचार व विकास है।

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