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करेंगे हम अपने वतन की हिफ़ाज़त

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’ 
इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)

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स्वतंत्रता दिवस विशेष ……..

करेंगे हम अपने चमन की हिफ़ाज़त।
हमारा है मक़सद वतन की हिफ़ाज़त।

सबब जश्न-ए-आज़ादी का है तो ये है,
करें हम शहीदों के प्रण की हिफ़ाज़त।

हैं जाँबाज़ सैनिक वतन के हमारे,
करें जल की थल की गगन की हिफ़ाज़त।

तिरंगे में लिपटा दे माँ जिस्म मेरा,
शहादत करेगी कफ़न की हिफ़ाज़त।

मुझे डर न माली,न सैयाद से है,
मेरा है अहद अंजुमन की हिफ़ाज़त।

इबादत है मक़सद न मंदिर न मस्जिद,
हमें तो है करनी अमन की हिफ़ाज़त।

हम अहले-अदब हैं समझते हैं नीलम,
कि क्या शय है गंगो-जमन की हिफ़ाज़तll

परिचय-डॉ.नीलिमा मिश्रा का साहित्यिक नाम नीलम है। जन्म तारीख १७ अगस्त १९६२ एवं जन्म स्थान-इलाहाबाद है। वर्तमान में इलाहाबाद स्थित साउथ मलाका (उत्तर प्रदेश) बसी हुई हैं। स्थाई पता भी यही है। आप एम.ए. और पी-एच.डी. शिक्षित होकर केन्द्रीय विद्यालय (इलाहाबाद) में नौकरी में हैं। सामाजिक गतिविधि के निमित्त साहित्य मंचन की उपाध्यक्ष रहीं हैं। साथ ही अन्य संस्थाओं में सचिव और सदस्य भी हैं। इनकी लेखन विधा-सूफ़ियाना कलाम सहित ग़ज़ल,गीत कविता,लेख एवं हाइकु इत्यादि है। एपिग्रेफिकल सोसायटी आफ इंडिया सहित कई पत्र-पत्रिका में विशेष साक्षात्कार तथा इनकी रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। ब्लॉग पर भी लिखने वाली डॉ. मिश्रा की विशेष उपलब्धि-विश्व संस्कृत सम्मेलन (२०१५,बैंकाक-थाईलैंड)और कुम्भ मेले (प्रयाग) में आयोजित विश्व सम्मेलन में सहभागिता है। लेखनी का उद्देश्य-आत्म संतुष्टि और समाज में बदलाव लाना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-डॉ. कलीम कैसर हैं। इनकी विशेषज्ञता-ग़ज़ल लेखन में है,तो रुचि-गायन में रखती हैं। 

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