कुल पृष्ठ दर्शन : 286

अभिनंदन नव वर्ष का

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’
कोटा(राजस्थान)
***********************************************************************************


नए वर्ष की प्रथम किरण का
अभिनन्दन है,
जिसको पाकर धरा धन्य
कण-कण चन्दन है।
पूर्व दिशा से ढुलक पड़ा है
ज्योतिर्मय घट,
छुपी हुई है इसमें ही
नव युग की आहट।
अँधियारा जो शेष रहा
यह फिर छाँटेगा,
उजलेपन की सौगातें
सबको बाँटेगा।
भर जाएगा नव ऊर्जा से
हर जन का मन,
नई उमंगों से महकेगा
मानव-जीवन।
आशाओं की पौध नई
जग में रोपेगा,
आने वाले कल को फिर
सपने सौंपेगा।
समय-चक्र कुछ बढ़ जाएगा
ला परिवर्तन,
नए वर्ष से जग में होगा
फिर नव चेतनll

परिचय-सुरेश चन्द्र का लेखन में नाम `सर्वहारा` हैl जन्म २२ फरवरी १९६१ में उदयपुर(राजस्थान)में हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए.(संस्कृत एवं हिन्दी)हैl प्रकाशित कृतियों में-नागफनी,मन फिर हुआ उदास,मिट्टी से कटे लोग सहित पत्ता भर छाँव और पतझर के प्रतिबिम्ब(सभी काव्य संकलन)आदि ११ हैं। ऐसे ही-बाल गीत सुधा,बाल गीत पीयूष तथा बाल गीत सुमन आदि ७ बाल कविता संग्रह भी हैंl आप रेलवे से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त अनुभाग अधिकारी होकर स्वतंत्र लेखन में हैं। आपका बसेरा कोटा(राजस्थान)में हैl

Leave a Reply