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नववर्ष अभिनन्दन

डॉ.शैल चन्द्रा
धमतरी(छत्तीसगढ़)
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नूतन वर्ष का है आगमन,
ओस की बूंदों ने किया आचमन।
नव पल्लव कर रहे अभ्यर्थन,
सुरभित पुष्पों ने किया अभिनन्दन।
पुरवाई पवन कर रही चरण वन्दन,
लहलहाती धरा लगा रही माथे चन्दन।
झूम रहे हैं बाग-बगीचे कानन,
नव वर्ष के आने से हर्षित है तन-मन।
चहुँओर खुशियां बांट रहे हैं जन-जन,
सूरज के अधरों पर छाई मुस्कान।
चाँद ने धरा से कहा-नववर्ष का रखना ध्यान,
नववर्ष में सुख-समृद्धि हो पहचान।
कोई भूखा न रहे,मिले सबको धन-धान,
हे! नववर्ष बढ़ाना तुम सबका मान।
स्नेह की डोर में बंधा रहे हर इंसान,
हे! नववर्ष तुम्हारा है वन्दन।
हे! नववर्ष तुम्हारा शत-शत अभिन्दनll

परिचय-डॉ.शैल चन्द्रा का जन्म १९६६ में ९ अक्टूम्बर को हुआ है। आपका निवास रावण भाठा नगरी(जिला-धमतरी, छतीसगढ़)में है। शिक्षा-एम.ए.,बी.एड., एम.फिल. एवं पी-एच.डी.(हिंदी) है।बड़ी उपलब्धि अब तक ५ किताबें प्रकाशित होना है। विभिन्न कहानी-काव्य संग्रह सहित राष्ट्रीय स्तर के पत्र-पत्रिकाओं में डॉ.चंद्रा की लघुकथा,कहानी व कविता का निरंतर प्रकाशन हुआ है। सम्मान एवं पुरस्कार में आपको लघु कथा संग्रह ‘विडम्बना’ तथा ‘घर और घोंसला’ के लिए कादम्बरी सम्मान मिला है तो राष्ट्रीय स्तर की लघुकथा प्रतियोगिता में सर्व प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त किया है।सम्प्रति से आप प्राचार्य (शासकीय शाला,जिला धमतरी) पद पर कार्यरत हैं।

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