कुल पृष्ठ दर्शन : 241

You are currently viewing नया वर्ष तू क्या लाएगा

नया वर्ष तू क्या लाएगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’
अल्मोड़ा(उत्तराखंड)

************************************************

नया वर्ष तू क्या लाएगा।
क्या सौगात बड़ी लाएगा॥
बीत वर्ष ने बहुत दिया था।
आते ही आराम दिया था॥

बैठे घर ना गये घूमने।
गये नहीं थे बाहर मिलने॥
छोड़ी सारी रिश्तेदारी।
गेह निभाई नातेदारी॥

बाहर निकले मास्क लगाएं।
दो गज दूरी स्वयं बनाएं।।
धोयी सब्जी रगड़-रगड़कर।
चीजें धोयी पकड़-पकड़कर॥

जूते-चप्पल धरे गेट पर।
हाथ पैर धो रगड़-रगड़कर॥
रखें साबुन व सेनिटाइजर
बच जाएंगे इनको मलकर॥

थाली,लोटा सभी बजाया।
शंख-घंट भी खूब सुनाया॥
दीप जलाकर भी रोशन कर।
ताली पीटी खूब पटककर॥

‘कोरोना’ यह कैसा आया।
दुनिया को क्या-क्या दिखलाया॥
क्या-क्या करके इसे भगाया।
करतूतों से बाज ना आया॥

बरस पुराना बीत गया है।
नया साल भी अब आया है।।
इक्कीस में क्या होगा आगे।
सोच रहे सब इससे भागे॥

अब क्या बंद रहेंगे ऐसे।
यह सब बंद करेंगे कैसे॥
जीना है तो करना होगा।
मॉस्क जरूरी मुँह पर होगा॥

दो गज दूरी बहुत जरूरी।
हाथ सफाई रहे जरूरी॥
अब भी इतना सरल नहीं है।
जीने का पथ तरल नहीं है॥

न जाने अब क्या-क्या होगा?
सावधान अब रहना होगा॥
शायद समय सजग करता है।
आगे समय विकट कहता है॥

हर आफत में रहना सीखो।
दु:ख विपत्ति सब सहना सीखो॥
आओ हमको अभिज्ञान हो।
नए वर्ष में सावधान हो॥

रहें कभी न असावधान हम।
जीना सीखें हरपल हरदम॥
सावधान रहकर के जीएं।
खुश रहें और गम को पीएं॥

परिचय–डॉ.धाराबल्लभ पांडेय का साहित्यिक उपनाम-आलोक है। १५ फरवरी १९५८ को जिला अल्मोड़ा के ग्राम करगीना में आप जन्में हैं। वर्तमान में मकड़ी(अल्मोड़ा, उत्तराखंड) आपका बसेरा है। हिंदी एवं संस्कृत सहित सामान्य ज्ञान पंजाबी और उर्दू भाषा का भी रखने वाले डॉ.पांडेय की शिक्षा- स्नातकोत्तर(हिंदी एवं संस्कृत) तथा पीएचडी (संस्कृत)है। कार्यक्षेत्र-अध्यापन (सरकारी सेवा)है। सामाजिक गतिविधि में आप विभिन्न राष्ट्रीय एवं सामाजिक कार्यों में सक्रियता से बराबर सहयोग करते हैं। लेखन विधा-गीत, लेख,निबंध,उपन्यास,कहानी एवं कविता है। प्रकाशन में आपके नाम-पावन राखी,ज्योति निबंधमाला,सुमधुर गीत मंजरी,बाल गीत माधुरी,विनसर चालीसा,अंत्याक्षरी दिग्दर्शन और अभिनव चिंतन सहित बांग्ला व शक संवत् का संयुक्त कैलेंडर है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में बहुत से लेख और निबंध सहित आपकी विविध रचनाएं प्रकाशित हैं,तो आकाशवाणी अल्मोड़ा से भी विभिन्न व्याख्यान एवं काव्य पाठ प्रसारित हैं। शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न पुरस्कार व सम्मान,दक्षता पुरस्कार,राधाकृष्णन पुरस्कार,राज्य उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार और प्रतिभा सम्मान आपने हासिल किया है। ब्लॉग पर भी अपनी बात लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न सम्मान एवं प्रशस्ति-पत्र है। ‘आलोक’ की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा विकास एवं सामाजिक व्यवस्थाओं पर समीक्षात्मक अभिव्यक्ति करना है। पसंदीदा हिंदी लेखक-सुमित्रानंदन पंत,महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’,कबीर दास आदि हैं। प्रेरणापुंज-माता-पिता,गुरुदेव एवं संपर्क में आए विभिन्न महापुरुष हैं। विशेषज्ञता-हिंदी लेखन, देशप्रेम के लयात्मक गीत है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का विकास ही हमारे देश का गौरव है,जो हिंदी भाषा के विकास से ही संभव है।”

Leave a Reply