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गंदा पानी राजा है

सुश्री नमिता दुबे
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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बुलबुल थी तो बहुत छोटी,किन्तु उसकी तीक्ष्ण दृष्टि और सोच के कारण बड़े-बड़े भी उसके कायल थे, इतनी कम उम्र और ये सोच। बुलबुल अपने भाई के साथ बाहर बालकनी में खेल रही थी। उसकी तोतली आवाज मन को बहुत सुकून दे रही थी। वह अपनी तोतली बोली में गा रही थी-“मतली दल की लानी है जीवन उसका पानी है…………..।” तभी वहीं बैठे भाई ने उसे नसीहत दे डाली-“बुलुबुल,अब ये कविता सही नहीं लगती। अपन जब मम्मा के साथ घूमने गए थे तो देखा था ना कितनी सारी मछलियां तालाब किनारे मरी पड़ी थी और अभी कुछ दिन पहले ही गंदे पानी में व्हेल को कुछ खाने को न मिलने पर जल में फेंकी प्लास्टिक थैंलियों से ही उसने अपना पेट भरा था। फिर जब वह मर गई तो मालूम पड़ा कि गंदे पानी में जीव-जंतुओं के मर जाने से उसे अपना पेट प्लास्टिक से ही भरना पड़ा। कुछ देर तक तो बुलबुल चुपचाप खेलती रही फिर अनायस ही बोली-“हाँ भैय्या,फिर तो……….गन्दा पानी राजा है,अपना हुकुम चलाता है। मछलियों को मारता है,हमें भी बीमार कराता है।” गाते- गाते वह तो बाहर दौड़ गई,किन्तु मेरे सामने उस नन्हीं कली ने ढेर सारे प्रश्नों को ला खड़ा किया।

परिचय : सुश्री नमिता दुबे का जन्म ग्वालियर में ९ जून १९६६ को हुआ। आप एम.फिल.(भूगोल) तथा बी.एड. करने के बाद १९९० से वर्तमान तक शिक्षण कार्य में संलग्न हैं। आपका सपना सिविल सेवा में जाना था,इसलिए बेमन से शिक्षक पद ग्रहण किया,किन्तु इस क्षेत्र में आने पर साधनहीन विद्यार्थियों को सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन देकर जो ख़ुशी तथा मानसिक संतुष्टि मिली,उसने जीवन के मायने ही बदल दिए। सुश्री दुबे का निवास इंदौर में केसरबाग मार्ग पर है। आप कई वर्ष से निशक्त और बालिका शिक्षा पर कार्य कर रही हैं। वर्तमान में भी आप बस्ती की गरीब महिलाओं को शिक्षित करने एवं स्वच्छ और ससम्मान जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। २०१६ में आपको ज्ञान प्रेम एजुकेशन एन्ड सोशल डेवलपमेंट सोसायटी द्वारा `नई शिक्षा नीति-एक पहल-कुशल एवं कौशल भारत की ओर` विषय पर दिए गए श्रेष्ठ सुझावों हेतु मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा और कौशल मंत्री दीपक जोशी द्वारा सम्मानित किया गया है। इसके अलावा श्रेष्ठ शिक्षण हेतु रोटरी क्लब,नगर निगम एवं शासकीय अधिकारी-कर्मचारी संगठन द्वारा भी पुरस्कृत किया गया है।  लेखन की बात की जाए तो शौकिया लेखन तो काफी समय से कर रही थीं,पर कुछ समय से अखबारों-पत्रिकाओं में भी लेख-कविताएं निरंतर प्रकाशित हो रही है। आपको सितम्बर २०१७ में श्रेष्ठ लेखन हेतु दैनिक अखबार द्वारा राज्य स्तरीय सम्मान से नवाजा गया है। आपकी नजर में लेखन का उदेश्य मन के भावों को सब तक पहुंचाकर सामाजिक चेतना लाना और हिंदी भाषा को फैलाना है।

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