मन दर्पन हम उजला कर लें
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** सोच को अपनी ऊँचा कर लें।मन दर्पन हम उजला कर लें॥ झूठ से दामन पाक रखें हम,चुग़ली बदी से दूर रहें हम।छोड़ के हर इक काम…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** सोच को अपनी ऊँचा कर लें।मन दर्पन हम उजला कर लें॥ झूठ से दामन पाक रखें हम,चुग़ली बदी से दूर रहें हम।छोड़ के हर इक काम…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ यह नियम नियति का है कैसा,है जगत का डेरा मेरे घर।ये भाव कहीं जाकर विचरें,हो गीत का फेरा मेरे घर॥ सूरज से नाता मैं न रखूं,पर किरणें बनी…
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** क्यों उलझ गई है ये जिन्दगी,कि चलो अब इसे सुलझाते हैं।आखिर हुई ऐसी बात क्या,हम उन्हीं से पूछ आते हैं॥ दिन-रात खयालों में क्यों,उनका आना-जाना है।होंठों पर…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** हम अपना ये जीवन सारा सच की राह चलाना सीखें।झूठ कपट अरु लोभ मोह को मन से दूर हटाना सीखें॥ राह चलेंगे जब नेकी की जीवन…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मैं तो एक आपबीती हूँ,मेरी कोई राह न मंजिलधन ऋण का जीवन जीती हूँ। मैं हूँ एक मूलधन विधि का,विश्व बैंक में जमा आज हूँकुछ अनुभव प्रति क्षण…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* माँ अनमोल रिश्ता (मातृ दिवस विशेष) … मन के गहरे अंधियारे में ज्योति सम तुम जलती हो।त्याग, तपस्या और समर्पण की गाथाएं कहती हो॥ संतों की वाणी…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* 'जियो और जीने दो' में ही,जीवन का सम्मान है।सेवा से जीवन की शोभा,मिलता नित यशगान है॥ वक़्त कह रहा है हमसे,नैतिकता भी करे पुकारजागो भाई…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* नदियाँ बहती जगत के हित में,सबको नीर दें।खेत सींचती,मंगल करती,सबकी पीर लें॥ सरिता अपना धर्म निभातीं,बहती ही रहें,कोई कितना कर दे मैला,सहती ही रहें।हर नदिया…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* जिंदगी की खातिर (मजदूर दिवस विशेष)….. श्रम करने वालों के आगे,गहन तिमिर हारा है।श्रम करने वालों के कारण,ही तो उजियारा है॥ खेत और खलिहानों में…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* जिंदगी की खातिर (मजदूर दिवस विशेष)….. उम्रभर जगत में भटकते,जिन्दगी की खातिर तरसते।जिन्दगी न मिलती कभी पर,साँस-साँस जीने को मरते॥ ऐ खुदा बता दे…